24 न्यूज अपडेट. जालंधर। पूर्व क्रिकेटर व नेता नवजोत सिद्धू ने बयान दिया था कि पत्नी का कैंसर ठीक हो गया है व इसके लिए दावा किया कि उन्होंने आयुर्वेदिक तरीके से पत्नी का इलाज किया। सेल्स को बढ़ाने वाली मीठी चीजों को बंद किया। इसके बाद पत्नी डॉ. नवजोत कौर सिद्धू कैंसर फ्री हो गईं। प्रेस कॉन्फ्रेंस में यह बात ही तो वीडियो वायरल हो गया था। अब टाटा मेमोरियल हॉस्पिटल की अगुआई में 262 ऑन्कोलॉजिस्ट ने इस दावे पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा है कि सिद्धू की बताई कुछ चीजों पर रिसर्च जरूर चल रही है, लेकिन इनसे ठीक हो जाने का दावा सही नहीं है। उन्होंने कहा कि सिद्धू के दावे के पर्याप्त सबूत नहीं हैं। लोगों को कैंसर जैसे लक्षण होने पर तुरंत अस्पताल में जांच करानी चाहिए। आपको बता दें कि पूर्व क्रिकेटर नवजोत सिंह सिद्धू ने कहा कि मेरी पत्नी डॉ. नवजोत कौर सिद्धू (नोनी) अब कैंसर फ्री हो चुकी हैं। मुझ पर जब यह आपदा आई तब मैं जेल में था। जब में जेल से छूट कर आया तब नोनी का ऑपरेशन हो चुका था। नोनी की कीमोथैरपी हुई, लंबे अरसे तक इसका इलाज चला। पूरा परिवार साथ खड़ा रहा। एक वक्त आया कि नोनी को लगा कि शायद मैं न बचूं तो बेटे की शादी करवा दो। तब नोनी अस्पताल में थी। बेटे की शादी के दौरान नोनी ने कुछ हफ्तों के लिए अपना इलाज मिस कर दिया। इलाज मिस किया तो कुछ दिनों बाद पता चला कि कैंसर फिर से हो गया है। इसमें सबसे बड़ी ये बात थी कि ये सारा इलाज भारत में हुआ। 40 प्रतिशत इलाज पटियाला राजिंदरा अस्पताल में हुआ और बाकी का इलाज यमुनानगर में हुआ। डॉक्टरों ने कहा कि सिर्फ 5 प्रतिशत चांस हैं। कैंसर स्किन में मिल गया है। मेरे एक दोस्त का बेटा अमेरिका से डॉक्टरी पढ़कर आया, उसने कहा कि कोई चांस नहीं है। जब मुझे पता चला तो मैं घंटों पढ़ा, बीमारी के बारे में रिसर्च शुरू की। मैंने कुछ भी नहीं छोड़ा, फिर चाहे अमेरिकी डॉक्टर हों या आयुर्वेद हो। दिन में चार से पांच घंटे तक मैं रोज पढ़ता था कि कहीं कोई इलाज मिल सके। मैं जब डॉक्टरों से पूछा करूं तो डाइटिंग करवाने से सीधा मना कर देते। जब ये हुआ कि कोई चांस नहीं है तो फिर मैंने जो पढ़ा था, वही करना शुरू किया। मैंने अपनी बेटी के साथ मिलकर नोनी के लिए डाइट शुरू करवाई। कई लोगों ने मुझे कहा कि आपके पास तो करोड़ों हैं, आप तो ठीक हो ही जाओगे। मगर एक आम इंसान कैसे ठीक होगा। मैंने कहा कि जैसी डाइट से नोनी का इलाज हुआ, इसे एक आम आदमी भी खा सकता है और अपने आपको बचा सकता है। स्टेज-4 का कैंसर होने के बाद भी नोनी 40 दिनों के अंदर वापस आई है। लोग कहते हैं कि करोड़ों रुपए लगते हैं, मगर मैं कहना चाहता हूं कि नीम के पत्तों के क्या पैसे लगते हैं। कैंसर एक इंफ्लामेशन है, जोकि दूध, कार्बोहाइड्रेट्स (गेहूं), रिफाइंड शुगर (जैसे कि जलेबी) और मैदा जैसी चीजों से होता है। इसलिए इनको बंद कर दिया। फिर हमने नोनी की डाइट में वो चीजें एड की, जिसकी उसे जरूरत थी। नोनी को सुबह 10 बजे नींबू पानी दिया जाता था। जिसमें गर्म पानी, कच्ची हल्दी, एक लहसुन और सेब का सिरका होता था। इसके आधा घंटे बाद 10 से 12 नीम के पत्ते और तुलसी देते थे। चाय पूरी तरह से बंद कर दी गई थी। सुबह चाय की जगह नोनी को दाल चीनी, लौंग और छोटी इलायची इसमें नाम मात्र गुड़ मिलकर काढ़ा दिया जाता था।
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