24 न्यूज अपडेट.उदयपुर। उदयपुर विकास प्राधिकरण की ओर से आज अल सुबह यूडीए की जमीन पर अवैध रूप से बने मकान और कोटड़ी को ध्वस्त कर दिया। बताया गया कि नाई थाना क्षेत्र के नोहरा में यूडीए की करीब 100 करोड़ रुपए की बेशकीमती जमीन पर अवैध अतिक्रमण कर लिया गया था। आज इस जमीन को अतिक्रमण से मुक्त करवाया गया। उदयपुर डिवलपमेंट अथॉरिटी याने कि यूडीए के कमिश्नर राहुल जैन के निर्देश पर अवैध अतिक्रमण की इस कार्रवाई को अंजाम दिया गया। यूडीए तहसीलदार अभिनव शर्मा, भू अभिलेख निरीक्षक राजेंद्र जैन, बाबूलाल तेली, बाबूलाल तंवर, पटवारी भगवती लाल दीपक, ललित सुरपाल सिंह सोलंकी सहित पुलिस व होमगार्ड का जाब्ता मौजूद रहा। आज की इस कार्रवाई के बाद एक बार फिर से यूडीए की कार्रवाई पर सवाल उठ रहा हैं। आखिर हर बार ऐसा क्यों होता है कि लाखों के निर्माण हो जाने के बाद यूडीए की नींद उड़ती है। यूडीए के कर्मचारियों का मूल काम ही भूमि प्रबंधन और अतिक्रमण को रोकना है। ऐसे में 100 करोड़ की सरकारी जमीन पर लाखों रूपए खर्च करके बड़े-बड़े मकान बना दिए जाएं और यूडीए के कर्मचारियों को पता ही नहीं चले तो संदेह होना लाजमी है। यदि प्रारंभिक स्तर पर ही अतिक्रमण रोक दिए जाएं तो दोनों तरफ धन का अपव्यय रूक जाएगा। क्योंकि यूडीए का जो दस्ता अतिक्रमण हटाने गया है उसका खर्चा भी जनता की जेब से ही जा रहा है। जनता के टेक्स के पैसों से कर्मचारियों को इस बात की तनख्वाह दी जा रही है कि वे सरकारी जमीन पर कोई अतिक्रमण नहीं होने दे। जमीन पर बड़े-बड़े निर्माण होने के बाद इसका पता चलता है तो संदेह होना लाजमी है कि कहीं मिलीभगत का खेल तो नहीं चल रहा है।
यूडीए ने 100 करोड़ की जमीन अतिक्रमण मुक्त करवाई, बड़ा सवाल-हो कैसे गए अतिक्रमण, बिना मिलीभगत के यह संभव ही नहीं

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