24 न्यूज अपडेट. बांसवाड़ा। इन गांवों में पंचायत ने श्मशान घाट नहीं बनाया है। ऐसे में किसी की मौत होने पर आंगन या खेत में दाह संस्कार करने की मजबूरी है। रोहनवाड़ी गांव में परिवार में किसी अपने की मृत्यु हो जाने पर लोग शोक तो बाद में मनाते हैं। उससे पहले यह सोच में पड़ जाते हैं कि अंतिम संस्कार आखिर कहां पर करना है। खेत पर या आंगन में ही। दुख की घड़ी में रोते बिलखते परिजन इसकी तैयारी के बाद ही विलाप करते हैं। गांगड़तलाई पंचायत समिति के वार्ड एक के वड़ला फला में भी मीडिया रिपोर्ट के अनुसार लोगों के पास अंतिम संस्कार के लिए कोई सुविधा नहीं है। मोक्षधाम भी नहीं है। श्मशान घाट के अभाव में आदिवासी समाज परेशान हो जाता है। आदिवासी समाज के लोग परिवार में मृत्यु हो जाने पर शव का अपने ही खेत या घर आंगन में दाह संस्कार करने पर मजबूर हो गए हैं लोगों ने बताया कि इस बारे में जिला प्रशासन को कई बार बताया गया लेकिन अब तक श्मशान घाट नहीं बनने से परेशानी हो रही है। इसके अलावा आसपास कहीं पर भी जलाशय भी नहीं है। ऐसे में दाह संस्कार के बाद के लोकाचार करने में भी परेशानी हो रही है।
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