24 न्यूज़ अपडेट उदयपुर। हाईकोर्ट के आदेशों को मिलीभगत से उदयपुर में हवा में उडाते हुए पहाडों के हत्यारों को सपोर्ट किया जा रहा है। आज यूडीए की एक कार्रवाई से ये साफ हो गया कि किसी को कोई डर नहीं है। हाईकोर्ट ने निर्मार्णों को चिन्हित करते हुए साफ आदेश दिए थे मगर निर्माण कर्ताओं में बिल्कुल भी कानून का या जेल जाने का डर नहीं रहा। आज यूडीएने निर्माण रूकवाया तब तक हालत ये थे कि जब सितंबर में मौका निरीक्षण किया तो जी प्लस बन अधूरा था, आज सीज करने गए जो जी प्लस टू बन चुका था। यह किसकी मिलीभगत से हुआ, जांच जरूरी है। यूडीए के अधिकारी आखिर किस बात की तनख्वाह लेते हैं। उनका काम है नजर रखना, चौकस रहना और कानून के कहे अनुसार चलना। निर्माण हुआ तो अधिकारी भी उतने ही दोषी है, उन पर भी कार्रवाई होनी चाहिए। यही सब चलता रहा तो अरावली के पहाडों का नामोनिशान मिट जाने वाला है। ऐसे लोगों की वजह से ही पेंथर आदमखोर हुए जा रहे हैं क्योंकि जंगल पहाड काटे जा रहे हैं।
मिलीभगत का खेल : हत्यारे पहाड़ काटते रहे, ये सोते रहे,,,,,, नोटिस दिया तब जी प्लस अधूरा था, एक महीने बाद कार्रवाई की तब जी प्लस टू बन गया

Advertisements
