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महाकालेश्वर मंदिर में वीआईपी कल्चर और गर्भगृह में जल चढ़ाने की अनुमति नहीं देने का विरोध

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विरोध के बाद जिला प्रशासन की दुखल पर मिला महिलाओं को गर्भगृह प्रवेश

उदयपुर। शहर के महाकालेश्वर मंदिर में आज सुबह देवाधिदेव को गर्भगृह में जाकर जल चढ़ाने को लेकर घमासान हो गया। सुबह आई एक महिला सहित अन्य भक्तजनों ने गर्भगृह में जाकर महादेव को जल चढ़ाने के लिए दरवाजा खोलने की अपील की जिसे वहां मौजूद पुजारी ने अस्वीकार कर दिया। उसने कहा कि भक्तों के लिए बाहर से ही जल चढ़ाने की व्यवस्था कर रखी है। इस पर महिला सपना निमावत पत्नी हमेन्द्र निमावत ने विरोध किया व कहा कि मंदिर में हर रोज वीआईपी लोगों तथा मंदिर ट्रस्ट से जान पहचान रखने वालों को मंदिर मंडल पदाधिकारी अंदर ले जाकर महादेव का जलाभिषेक करवाते हैं मगर आमजन को यह अवसर आखिर क्यों नहीं दिया जाता हैं इसके बाद लगभग एक घंटे तक महिला का विरोध जारी रहा। इस बीच मंदिर मंडल का कोई भी पदाधिकारी मौके पर नहीं आया। जिला प्रशासन को भक्तजनों ने शिकायत की तो जिला कलेक्टर की दखल के बाद शिकायत करने वाली महिलाओं सहित अन्य महिलाओं को अंदर जाकर देवाधिदेव के दर्शन करने व जल चढ़ाने का मौका मिला। खूब जयकारे लगाए गए और इसे मातृशक्ति के संकल्प की जीत बताया गया। इसके बाद जिला प्रशासन के निर्देश पर मौके पर गिर्वा तहसीलदार सुरेश मेहता पहुंचे और सभी पक्षों की बात सुनी। महिला ने बताया कि मंदिर मंडल ट्रस्ट की ओर से जल चढ़ाने के स्थान को भी साफ नहीं किया जा रहा है जिससे गंदगी पाइप के रास्ते सीधे इष्टदेव महादेव तक पहुंच रहा है। ऐसे में जलाभिषेक की पवित्रता नहीं रहती है। महिला कई घंटों तक गर्भग्रह के बाहर ही सीढ़ियों पर विरोध करते हुए बैठी रही। सपना निमावत ने बताया कि भगवान हमारे पिता हैं और इनके सामने हम सब भक्तजन बराबर हैं। मंदिर मंडल की ओर से किए जा रहे भेदभाव को सहन नहीं किया जाएगा। इस बारे में मंदिर मंडल की ओर से पक्ष जानने के लिए संपर्क किया गया मगर फोन नो रिप्लाई हुआ।

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