कविता पारख
24 न्यूज़ अपडेट निंबाहेड़ा। अनुसूचित जाति जनजाति के आरक्षण में क्रीमी लेयर लागु करने
हेतु सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ अनुसूचित जाति जनजाति के संगठनों द्वारा 21 अगस्त को भारत बन्द के आव्हान के तहत निंबाहेड़ा में बन्द का व्यापक असर रहा।
इसके तहत निंबाहेड़ा में बुधवार को 11 बजे तक नगर के बाजारों में सभी मुख्य प्रतिष्ठान पूरी तरह शांतिपूर्ण बंद रहे।
निंबाहेड़ा क्षेत्र के अनुसूचित जाति जनजाति के संगठनों के पदाधिकारीयों एवं सदस्यों ने डॉ. भीमराव अंबेडकर बस स्टैंड परिसर स्थित अंबेडकर सर्किल पर बाबासाहेब की आदमकद प्रतिमा पर सुबह 10:30 बजे माल्यार्पण कर रैली की शुरुआत की ।
संगठनों के पदाधिकारी एवं सदस्यों द्वारा सैकड़ो की संख्या में उपस्थित होकर मोटरसाइकिल रैली निकाली गई जो नगर के मुख्य मार्गो से होती हुई उपखंड कार्यालय पहुंची।
रैली में पुलिस जाप्ते ने पूरी निगरानी बनाए रखी एवं शांतिपूर्ण तरीके से रैली संपन्न कराई।
रैली के दौरान बाजारों में जो प्रतिष्ठान खुले हुए थे उन्हें संगठनों के पदाधिकारीयों एवं सदस्यों द्वारा अनुरोध करके बंद कराया गया।
रैली लगभग 1 बजे उपखंड कार्यालय पहुंची जहां पर विभिन्न संगठनों के सदस्यों की उपस्थिति में पदाधिकारीयों ने राष्ट्रपति के नाम उपखंड अधिकारी विकास पंचोली को ज्ञापन सौंपा।
राष्ट्रपति के नाम आठ बिंदुओं के सौंपे ज्ञापन में विभिन मांगे की गई की जिसमें कहा गया कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा अनुसूचित जाति जनजाति आरक्षण में छेड़छाड़ किया जा रहा है जो न्यायसंगत नहीं है।
ज्ञापन सौंपने के पश्चात नगर के बाजारों में कुछ व्यापारियों ने अपने प्रतिष्ठान खोल दिए तथा कुछ व्यापारियों ने अपने प्रतिष्ठान पूर्णतया बंद रखे।
बन्द के दौरान प्रशासन एवं पुलिस विभाग पूरी तरह अलर्ट मोड पर दिखाई दिया जिसके चलते नगर के मुख्य चौराहों पर पुलिस जवानों की तैनातगी देखी गई।
निंबाहेड़ा बंद के दौरान निकाली गई रैली एवं ज्ञापन सौंपने में अंबेडकर क्रांति मंच और अनुसूचित जाति जनजाति के विभिन्न संगठनों पदाधिकारी एवं सदस्य प्रकाश चंद मेघवाल कैलाश आर्य सिद्धार्थ चौहान सिद्धार्थ चौहान देवीलाल रेगर, कैलाश चंद्र रेगर, शंभू लाल बलाई, गोविंद मेघवाल, प्रदीप मेघवाल, फतेह लाल मीणा, राम सिंह मीणा, भग्गा लाल रावत, सुनील, लोकेश गिरधारी लाल, उप सरपंच प्रहलाद मेघवाल, गिरधारी लाल मेघवाल, सुरेश टाटरमाला, हुक्मीचंद रेगर, राजूराम बेरवा, रामचंद्र मीणा, बिहारी लाल सोलंकी आदि उपस्थित रहे।

