24 न्यूज अपडेट. बांसवाड़ा। घर में घुसी जंगली लोमड़ी ने चारपाई पर सो रहे 10 साल के बच्चे पर हमला कर दिया। चीख सुन मां दौड़कर आई तो उन पर झपट्टा मार दिया। चिल्लाने की आवाज सुन पड़ोसी बचाने आया तो उसे भी नोच कर गिरा दिया। जंगल की ओर भागी तो रास्ते में अलाव तापते दंपती पर हमला कर दिया।घटना गुरुवार सुबह 7 बजे बांसवाड़ा के कुशलगढ़ इलाके के गांव खारचिया में हुई। लोगो ंने बताया कि सज्जनगढ़ और कुशलगढ़ के नॉन कमांड एरिया में जंगल है जहां पर यह घटना हुई। गुरुवार सुबह 6.30 बजे जीवनलाल (38) के घर से चिल्लाने की आवाज आई। जीवनलाल खेत पर गया हुआ था। पत्नी गवरा देवी (36) और 10 साल का बेटा गोपीलाल पास था। मुख्य दरवाजा खुला था। तभी अचानक घर में जंगली लोमड़ी घुस गई। उसने कमरे में घुसकर चारपाई पर सो रहे बच्चे पर हमला कर दिया। लोमड़ी ने गोपीलाल के पैर, मुंह, जबड़े को नोच खाया। बच्चा चिल्लाया तो मां गवरा देवी कमरे में दौड कर आई। लोमड़ी ने गवरा देवी के पैर पर हमला कर दिया और घर से भागी। शोर-शराबा सुन पड़ोस के लोग दौड़कर आए व शोर मचाया तो लोगों को देख लोमड़ी दूसरे रास्ते पर भागी। मेघनाथ वसुनिया ने बताया- दूसरे रास्ते से छोटा भाई छोटूराम (21) आ रहा था। लोमड़ी ने मेरे छोटे भाई पर भी हमला किया और उसके हाथ-पैर को नोच लिया। हमले में छोटे भाई की एक उंगली लोमड़ी पूरी तरह चबा गई। इसके बाद वह भागकर कपास के खेत में चली गई। कपास के खेत के पास ही हरि पुत्र लिंबा अपनी पत्नी के साथ बैठकर अलाव ताप रहा था। लोमड़ी ने उन पर भी हमला किया। उनके हाथों पर हल्की खरोंच आई। लोमड़ी के हमले से पूरे इलाके में दहशत का माहौल है। हमले में घायल हुए पांचों लोगों को एंबुलेंस से छोटी सरवा हॉस्पिटल ले जाया गया। वहां से उन्हें कुशलगढ़ हॉस्पिटल रेफर कर दिया। हमले में गंभीर घायल गोपीलाल, गवरा देवी और छोटूराम को बांसवाड़ा के महात्मा गांधी (एमजी) हॉस्पिटल रेफर किया गया है। जिले में 4 हजार से ज्यादा लोमड़ी है। लोमड़ी के हमले में घायल को 25 से 50 हजार रुपए का प्रावधान है। स्थायी घायल यानी जिसने हमले में कोई अंग खो दिया हो उसे 3 लाख तक का मुआवजा मिलता है। इसके अलावा मौत होने पर 5 लाख का मुआवजा दिया जाता है।
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