- माता-पिता को चार-चार साल की कैद, हाथोंहाथ जमानत
- दोषी ने कोर्ट से बाहर आते हुए कहा- मैं निर्दोष हूं, मेरे माता-पिता को बचाने के लिए यह सब किया
- दिनभर पोर्न साइट देखता था दरिंदा
24 न्यूज अपडेट . उदयपुर। मावली मर्डर केस में आज कोर्ट का फैसला आ गया है। मासूम बच्ची से दरिंगदी के बार टुकडे़ टुकड़े करके उसकी हत्या करने वाले दरिंदे को पोक्सो कोर्ट 2 ने आज मौत की सजा सुनाई है। रेप के बाद 8 साल की बच्ची की हत्या और उसके शव के 10 टुकड़े करने के मामले में सोमवार को उदयपुर पॉक्सो-2 कोर्ट ने कमलेश को दोषी मानते हुए फांसी की सजा सुनाई है। दोषी के माता-पिता को 4-4 साल की सजा सुनाई है। हालांकि दंपती ने जमानत याचिका दायर कर रखी थी, ऐसे में उन्हें जमानत दे दी गई। मामले में कोर्ट ने 8 दिन पहले मुख्य आरोपी कमलेश (21) सहित उसके मामा-पिता को साक्ष्य मिटाने और सहयोग करने के आरोप में दोषी करार दिया था। मामले में आरोपी के वकील ने कोर्ट से समय मांगा था। जिस पर जज ने उन्हें 4 नवंबर तक का समय दिया था। दोषी ने कोर्ट से बाहर आते हुए कहा- मैं निर्दोष हूं, मैंने ये सब मेरे माता-पिता को बचाने के लिए किया है। मुझ पर दबाव बनाया गया है, मैं हाईकोर्ट में अपील करूंगा। मेरे मम्मी-पापा को बचाने के लिए सजा मोल ली है।
आपको बता दें कि मावली थाना क्षेत्र में 29 मार्च 2023 का यह मामला था। इसमें हत्या के बाद आरोपी ने शव के किए थे 10 टुकड़े। बोरे में डाल कर खंडहर में छुपाया था शव। पीठासीन अधिकारी संजय कुमार भटनागर ने आज यह फैसला सुनाया जिसका इंतजार था। पुलिस ने जो चार्जशीट कोर्ट में पेश की उसमें कई चौंकाने वाले तथ्य सामने आए। मावली के लोपाड़ा गांव में दो साल पहले 29 मार्च को 8 साल की बच्ची से रेप और हत्या के आरोपी कमलेश के खिलाफ कुल 306 पन्नों की इस चार्जशीट में उस दरिंगदी का जिक्र है जो उस मासूम के साथ की गई। बच्ची से दुष्कर्म और हत्या से पहले आरोपी ने 30 बार पोर्न फिल्म देखी थी। जब वह घर में बैठा पोर्न फिल्म देख रहा था। तभी अचानक उसे रोड पर बच्ची जाती हुई दिखाई दी। उसने बच्ची को चॉकलेट देने के बहाने अपने घर में बुलाया और उसका मुंह दबा कर बाथरूम की तरफ ले गया। इस दरिंदे ने उसके साथ तब तक हैवानियत की जब तक उसकी मौत नहीं हो गई। आरोपी मृतक बच्ची के घर के पास ही रहता था और वह बच्ची इसे भैया कहकर बुलाती थी। रक्षा बंधन पर राखी बांधती थी। अपनी मुंहबोली बहने से दरिंदगी ओर हत्या के बाद भी हत्यारे का ना तो पछतावा हुआ ना ही उसे पुलिस का डर लगा। उसने छुरी ली और मासूम की लाश के 10 टुकडे़ कर दिए और थैलियों में भरकर बाथरूम में छिपा दिए। रोंगटे खड़े कर देने वाले इस कांड में हद तो तब हो गई जब एक दिन जब उसके माता और पिता ने बाजाय दरिंदे को पुलिस को सौंपने के। उसका इस खौफनाक कृत्य में साथ दिया और सब मिलकर रात के अंधेरे में पास के खंडहर में लाश को थैलियों में भरकर फेंक कर आ गए। यह दरिंदा इस हद तक विक्षिप्त और बेखौफ था कि किसी प्रोफेशनल मर्डरर की तरह से कत्ल वाली रात को जागरण में गया और खूब नाचा। उसके अगले दिन भी धार्मिक कार्यक्रमों में शामिल होकर ढोल बजाया। यही नहीं मामले की जांच के लिए जब-जब पुलिस आती, वो भी मौके पर पहुंच जाता। नेता आते तो उनके साथ घूमने लग जाता। कमलेश तीन दिन तक नाटक करता रहा लेकिन आखिरकार डॉग स्क्वॉड के आते ही वो पकड़ा गया। बच्ची की लाश मिलते ही एक के बाद एक मर्डर मिस्ट्री की सारी परतें खुलकर सामने आ गई। आज उदयपुर पॉक्सो-द्वितीय कोर्ट ने जो फैसला सुनाया है वह दरिंदों के साथ ही समाज को भी सबक देने वाला है। कोर्ट ने मुख्य आरोपी 21 वर्षीय युवक कमलेश राजपूत सहित उसके माता-पिता को साक्ष्य मिटाने व सहयोग का दोषी करार दिया है। कमलेश का पिता रामसिंह और उसकी मां किशन कंवर तब से पुलिस की गिरफ्त में है।
पोर्न की लत समाज को कर रही खोखला
इस बारे में मनोवैज्ञानिकों की राय है कि पोर्न की लत समाज को खोखला कर रही है व युवा बेखौफ होकर अपराध की राह पर अग्रसर हो रहे हैं। इस मामले में पोर्न देखने की वजह से युवक ने जघन्य अपराध किया। यदि उसका समय रहते मनोवैज्ञानिक उपचार हो जाता तो शायद यह नौबत नहीं आती। इसके अलावा पूरा सरकारी सिस्टम भी जिम्मेदार है जिसमें फोन पर पोर्न साइट देखने की छूट दी हुई है। लोग आसानी से बटन दबाते ही पोर्न देख पा रहे हैं। बकायदा इसकी साइट्स बनी हुई है व एप भी चल रहे हैं। ऐसे में समय रहते उन पर रोक नहीं लगाई गई तो आने वाले समय में और भी अधिक स्थिति गंभीर हो सकती है।
पुलिस पर उठे सवाल
इस मामले में पुलिस पर भी सवाल उठे हैं जिसमें कहा गया है कि तीन दिन तक पुलिस से बच्ची के माता-पिता कहते रहे कि बच्ची गुम हो गई है मगर उन्होंने मामले को गंभीरता से नहीं लिया। आखिरकार जब उदयपुर व मावली में समाज का दबाव बना व जंगी प्रदर्शन हुआ तब जाकर पुलिस चेती। इससे साबित हो गया कि पुलिस भी केवल उन्हीं मामलों में जागती है जहां पर समाज या पॉलिटिक्स का दबाव आता है।
धड़, हाथ-पैर सहित पूरे शरीर के किए थे 10 टुकड़े
चार्जशीट के मुताबिक आरोपी कमलेश ने बाथरूम में ही पत्थर-छुरी से बच्ची के हाथ-पैर, धड़ सहित पूरे शरीर के अलग-अलग 10 टुकड़े किए थे। फिर उन टुकड़ों को अलग-अलग थैली में भरा था। थैलियों को टॉयलेट में छिप दिया था। कमलेश के माता-पिता को घटना की खबर दूसरे दिन 30 मार्च को लगी थी। तीनों ने मिलकर शव को ठिकाने लगाने का प्लान बनाया था। रात 11 बजे कमलेश शव के टुकड़ों से भरी बोरी घर से करीब 200 मीटर दूर बने खंडहर में फेंकने गया था। इस बीच कमलेश का पिता रामसिंह घर के बाहर ओर मां किशन कंवर खंडहर के बाहर खड़ी रही।

