24 न्यूज अपडेट.कोटा। नेताओं का गुरूर कोर्ट ही तोड़ सकता है। यदि कानून का डर नहीं होता तो ना जाने क्या होता। अपने समर्थकों को खुश करने के लिए ये कानून हाथ में ले लेते हैं लेकिन जब कानून का हथौड़ा पड़ता है तो परेशान होकर बचने के रास्ते निकालने लगते हैं। कोटा में ढाई साल पुराने थप्पड़कांड मामले में बीजेपी के पूर्व विधायक को 3 साल की जेल हुई है। एससी/एसटी कोर्ट ने गुरुवार को पूर्व विधायक भवानी सिंह राजावत और बीजेपी कार्यकर्ता महावीर सुमन को उप वन संरक्षक (डीसीएफ) को थप्पड़ मारने का दोषी माना। दोनों को 3-3 साल के साधारण कारावास की सजा सुनाई। फैसले के बाद मीडिया से बातचीत में राजावत ने कहा- वे हाईकोर्ट में अपील करेंगे। आपको बता दें कि मार्च 2022 में दाढ़ देवी माता मंदिर रोड पर यूआईटी की ओर से करवाए जा रहे पैचवर्क को वन विभाग ने रुकवा दिया। नाराज पूर्व विधायक भवानीसिंह राजावत 31 मार्च 2022 की दोपहर 3ः30 बजे समर्थकों के साथ वन विभाग के ऑफिस में गए थे। डीसीएफ रविकुमार मीणा राजावत को कुर्सी पर बैठने और चाय पीने का आग्रह करते रहे। बातचीत के दौरान राजावत ने डीसीएफ रविकुमार को थप्पड़ मार दिया था। रविकुमार ने कोटा के नयापुरा थाने में भवानी सिंह राजावत, भाजपा कार्यकर्ता महावीर सुमन सहित 10-15 लोगों पर थप्पड़ मारने, धक्का-मुक्की करने और राजकार्य में बाधा के आरोप लगाए थे। पुलिस ने धारा 332 (गैर जमानती), 353, 34 और 3 (2)(अं) एससी/एसटी एक्ट में मामला दर्ज किया था। राजावत 1 अप्रैल 2022 को गिरफ्तार हुए। 10 दिन जेल में रहे थे। बाद में उन्हें हाईकोर्ट से जमानत मिली थी, तब से जमानत पर थे।कोर्ट ने आज फैसला सुनाते हुए भवानी सिंह राजावत व महावीर सुमन को राजकार्य में बाधा डालने और थप्पड़ मारने के मामले में दोषी माना। धारा 332 (गैर जमानती) में 3-3 साल कारावास की सजा सुनाई। 30-30 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया। वहीं, धारा-3 (एससी-एसटी) में दोनों को बरी किया है। सजा सस्पेंशन एप्लिकेशन को स्वीकार किया गया है व कोर्ट ने सस्पेंशन अपील लिए एक महीने का वक्त दिया है।
कोर्ट ने उतारा नेतागिरी सुरूर : उप वन सरंक्षक को थप्पड़ मारने वाले भाजपा भवानीसिंह राजावत को 3 साल की जेल

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