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भीलवाड़ा गैंगरेप के दरिंदों को फांसी की सजा, 473 पन्नों की चार्जशीट में कई चौंकाने वाले खुलासे हुए, कोर्ट ने कहा जघन्य अपराध, दिन में भट्टी बंद थी, रात को धधक रही थी, परिजनों को भट्टी के बाहर दिखे बच्ची के जूते…….

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24 न्यूज अपडेट शाहपुरा। भीलवाड़ा पॉक्सो कोर्ट नंबर-2 ने राजस्थान में शाहपुरा जिले के कोटड़ी में 14 साल की बच्ची से गैंगरेप कर जिंदा जलाने वालों को आज फांसी की सजा सुनाई। दोनों दोषियों कालू और कान्हा को मौत की सजा दी गई है। आरोपी कालू ने दो बार रेप किया था। मारपीट करने के बाद मरा हुआ समझकर भट्ठी में डाल दिया था। जज ने इस मामले को रेयरेस्ट ऑफ द रेयर मानते हुए सजा सुनाई। शनिवार को भीलवाड़ा पॉक्सो कोर्ट ने फैसला रिजर्व रखा था। फैसला सुनकर पीड़ित की मां ने कहा कि आज हमें न्याय मिल गया हैं। सात आरोपियों को बरी किया है, उनमें दोनों दोषियों की पत्नी, मां, बहन और अन्य शामिल हैं। सरकारी वकील महावीर किसनावत ने कहा कि नाबालिग लड़की को पिछले साल अगस्त में गैंगरेप के बाद कोयले की भट्ठी में जिंदा जला दिया गया था। पुलिस ने एक महीने के अंदर 473 पन्नों की चार्जशीट दाखिल की थी। इसमें कई चौंकाने वाले खुलासे हुए थे। कोर्ट ने भी इस हत्याकांड को जघन्य अपराध माना। बताया गया कि 2 अगस्त 2023 को शाहपुरा के कोटड़ी थाना इलाके के गांव में 14 साल की नाबालिग सुबह करीब 8-9 बजे मवेशी चराने निकली थी। दोनों भाई कालू और कान्हा उसका मुंह दबाकर भट्ठी के पीछे ले गए और 4 घंटे तक गैंगरेप किया। दोनों भाई की पत्नी, मां, बहन और एक नाबालिग को गैंगरेप का पता चल गया। सभी ने चर्चा की कि मामला खुला तो फंस जाएंगे। फिर भट्ठी में जला दिया गया। पॉक्सो कोर्ट ने 9 में से 7 आरोपियों को बरी कर दिया। कालू और कान्हा को दोषी करार दिया था। पॉक्सो कोर्ट ने 9 में से 7 आरोपियों को बरी किया। कालू और कान्हा को दोषी करार दिया था। वारदात से चार महीने पहले ही खेत में ये भट्ठे पीड़ित के पिता ने आरोपियों को किराए पर दिए थे। पिता ने सोचा भी नहीं था, जिन्हें वो भट्ठा किराए पर दे रहा है, वही उसके परिवार के दुश्मन बन जाएंगे। चार महीने से यहां कोयला बनाने का काम हो रहा था। पीड़ित की मां का बयान है कि जब बेटी दोपहर 3 बजे तक घर नहीं आई तो ढूंढते हुए खेत पर गई थी। खेत में कोई भट्ठी नहीं जल रही थी। इस दौरान आरोपियों से पूछा भी कि मेरी बेटी कहां है तो वे अनजान बन गए। शाम को गांव के लोगों को बताया तो उन्होंने ढूंढना शुरू किया। दोबारा वो लोग खेत की तरफ गए तो भट्ठी जल रही थी। परिवार और गांव वालों का माथा ठनका, क्योंकि दिन में भट्ठी जल नहीं रही थी और बारिश का मौसम था। अचानक भट्ठी को जलती देख ग्रामीणों ने काम करने वाले लोगों से सख्ती से पूछताछ की तो वे डर गए। इसी बीच बेटी का जूता दिख गया। इस पर उन्हें लगा कि अब सारी बात सामने आ गई है। तब जाकर उन्होंने बताया कि उन्होंने मासूम के साथ गलत काम करके उसे जला दिया। पूछताछ के बाद खुलासा हुआ कि दरिंदों ने नाबालिग का एक हाथ काटकर भट्ठी में जला दिया और शव तालाब में फेंक दिया। 3 अगस्त को मौके पर फोरेंसिक टीम (एफएसएल) को बुलाया गया था। टीम के सदस्यों ने भट्ठी से करीब 300 किलोग्राम से ज्यादा राख और कोयला बाहर निकाला। उसे छानने के बाद 6 घंटे तक एक-एक कोयले को छांटकर नाबालिग के हाथ के कई टुकड़ों को ढूंढकर बाहर निकाला गया था।

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