24 न्यूज अपडेट स्टेट डेस्क। राजस्थान में पोपाबाई का राज चल रहा है। 129 फर्जी डिग्री वाले पीटीआई बर्खास्त हो गए लेकिन किसी भी अफसर या कर्मचारी को बर्खास्त नहीं किया जिसने ये डिग्रियां चेक की थी। क्या मिलीभगत उपर तक थी इसलिए नेताओं व अफसरों की मिलीभगत से कर्मचारियों पर कार्रवाई नहीं हो रही है। राजस्थान में शारीरिक शिक्षा शिक्षक पीटीआई भर्ती 2022 में फर्जी डिग्रियों के जरिए नौकरी हासिल करने का बड़ा मामला सामने आया है। राज्य कर्मचारी चयन बोर्ड ने 129 पीटीआई शिक्षकों को बर्खास्त कर दिया, जिनमें से 12 शिक्षक धौलपुर जिले से थे। ये शिक्षक पिछले 16 महीने से नौकरी कर रहे थे और वेतन भी ले रहे थे। 2022 में 5546 पदों पर शारीरिक शिक्षा शिक्षक भर्ती के लिए विज्ञापन निकला था। भर्ती के लिए 12वीं पास और शारीरिक शिक्षा में प्रमाण पत्र/डिप्लोमा की योग्यता अनिवार्य थी। दस्तावेज़ों की जांच में 244 अभ्यर्थियों की डिग्री फर्जी पाई गई, जिनमें से 129 को बर्खास्त किया गया। 8वीं पास उम्मीदवारों ने भी फर्जी दस्तावेजों के जरिए नौकरी हासिल कर ली थी। धौलपुर के राजकीय उच्च प्राथमिक स्कूल नरसिंहगढ़ और नयापुरा मालोनी खुर्द में नियुक्त शिक्षकों के दस्तावेज फर्जी पाए गए। जिला शिक्षा अधिकारी (माध्यमिक) ने 12 च्ज्प् शिक्षकों को बर्खास्त कर दिया। जांच रिपोर्ट और बर्खास्तगी का आदेश 14 जनवरी को जारी किया गया था। बर्खास्त शिक्षकों के खिलाफ धोखाधड़ी के मामले दर्ज किए जा रहे हैं। कुछ शिक्षकों ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर बर्खास्तगी को चुनौती दी है। शिक्षा विभाग ने जयपुर मुख्यालय को मामले की जानकारी भेजी है।
शिक्षा विभाग में खलबली
इस फर्जीवाड़े ने विभाग की भर्ती प्रक्रिया और निगरानी पर सवाल खड़े कर दिए हैं। जिला शिक्षा अधिकारी बर्खास्त शिक्षकों के नाम सार्वजनिक करने से बच रही हैं। यह मामला भर्ती प्रक्रियाओं में पारदर्शिता और दस्तावेज़ सत्यापन की कमजोरियों को उजागर करता है। शिक्षा विभाग को फर्जी डिग्री से जुड़ी नियुक्तियों पर सख्त कदम उठाने और भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए अधिक मजबूत प्रक्रियाएं अपनाने की आवश्यकता है।
फर्जी डिग्री से 16 महीने पीटीआई की नौकरी कर ली, 129 बर्खास्त, जिन्होंने डिग्री चेक की उन पर कोई कार्रवाई नहीं

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