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फर्जी डिग्री से हथियाई पीटीआई की नौकरी, उदयपुर एसओजी ने सोनियाणा में पकड़ा

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24 न्यूज़ अपडेट जयपुर. जयपुर शारीरिक शिक्षक (पीटीआई) भर्ती 2022 में फर्जी डिग्री और फर्जी खेल प्रमाण पत्र से नौकरी के मामले में गिरफ्तारियों का क्रम जारी है। एसओजी उदयपुर ने राजसमंद पुलिस की मदद से अब एक महिला पीटीआई को गिरफ्तार किया है। उसके पति और एक सहयोगी को एसओजी पहले ही फर्जी खेल प्रमाण पत्र के मामले में गिरफ्तार कर चुकी है। महिला का पति शिक्षा निदेशालय, बीकानेर में कार्यरत था।एसओजी के एडीजी वीके सिंह ने मीडिया को बताया कि राजस्थान कर्मचारी चयन आयोग जयपुर की ओर से आयोजित पीटीआई भर्ती-2022 में फर्जी तरीके से बैक डेट में बीपीएड की डिग्री व अंकतालिका हासिल कर उसके आधार पर पीटीआई की नौकरी प्राप्त करने के आरोप में सुमन को राजसमंद पुलिस के सहयोग से एसओजी की उदयपुर टीम ने हिरासत में लिया है। टीम उसको जयपुर लेकर गई है। पूछताछ के बाद गिरफ्तार कर लिया गया। सुमन चूरू जिले के राजगढ़ की निवासी है। उसकी पोस्टिंग राजसमंद जिले के सोनियाणा गांव के राजकीय उच्च प्राथमिक स्कूल में है। वह तृतीय श्रेणी शारीरिक शिक्षक के पद पर है। फर्जी डिग्री और खेल प्रमाण पत्र के मामले में पति मंदीप कुमार और साथी कर्मचारी जगदीश सारण को एसओजी पहले ही गिरफ्तार कर चुकी है। मनदीप कुमार शिक्षा निदेशालय, बीकानेर में काम करता है। जबकि साथी जगदीश सारण टग ऑफ वॉर फेडरेशन, राजस्थान का सचिव था। दोनों को फर्जी डिग्री और खेल प्रमाण पत्र के मामले में गिरफ्तार किया गया था जो वर्तमान में जेल में हैं।
इस शिक्षिक सुमन ने फर्जी तरीके से बैक डेट में बीपीएड की डिग्री व अंकतालिका हासिल की। उसके आधार पर सुमन ने पीटीआई की नौकरी प्राप्त कर ली। उसने ताइक्वांडो और टग ऑफ वॉर खेल के प्रमाण पत्र लगाए। इन प्रमाण पत्रों के आधार पर उत्कृष्ट खिलाड़ी के कोटे से अध्यापक (तृतीय श्रेणी) में चयनित हो गई थी। वहां पर उसे अपात्र घोषित किया गया। दोनों मामलों को लेकर एसओजी की टीम पूछताछ में जुटी है।
इसी तरह एसआई भर्ती के पेपर लीक मामले में एसओजी ने शिक्षक लोकेश और महिला सुपरवाइजर विमला विश्नोई को गिरफ्तार किया है. लोकेश को दौसा से जबकि विमला को बाड़मेर जिले के धोरीमन्ना से पकड़ा गया है। दोनों पेपर लीक मामले में शामिल थे और पेपर पढ़ने के लिए अभ्यर्थी को देते थे।एसआई भर्ती मामले में एसओजी का शिकंजा कसने के बाद दोनों फरार हो गए। उसके बाद सरकारी सिस्टम का लाभ उठते हुए दोनों ने कार्रवाई में ढील पड़ती देख कर वापस ड्यूटी जॉइन कर ली।

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