उदयपुर। प्राइवेट स्कूल डायरेक्टर एंड मैनेजमेंट एसोसिएशन की ओर से शिक्षा विभाग की ओ से आयोजित समान परीक्षा प्रणाली में गंभीर खामियों और संसाधनों के दुरुपयोग को लेकर मुख्यमंत्री के नाम कलेक्टर उदयपुर के माध्यम से ज्ञापन सौंपा। उपाध्यक्ष दिलीप सिंह यादव ने बताया कि संघ की ओर से शिक्षा विभाग पर निष्पक्षता और पारदर्शिता को नजरअंदाज करने का आरोप लगाते हुए कहा कि व्यवस्था छात्रों और अभिभावकों के विश्वास को तोड़ रही है।
पिछले साल के प्रश्न-पत्रों की नकल!
ज्ञापन में बताया गया कि हाल में आयोजित कक्षा 12 के ‘आजादी के बाद स्वर्णिम भारत’ विषय के प्रश्नपत्र और 2023-24 के प्रश्नपत्र में कोई अंतर नहीं था। बस प्रश्नों का क्रम बदला गया। यह शिक्षा क्षेत्र में भ्रष्टाचार और गैर-जिम्मेदार रवैये को दर्शाता है, जिससे छात्रों के भविष्य पर बुरा असर पड़ सकता है।
संघ ने उठाए बड़े सवाल
समान परीक्षा के नाम पर सरकारी और निजी दोनों स्कूलों के संसाधनों का दुरुपयोग किया जा रहा है। कक्षा 9 से 12 की अर्द्धवार्षिक परीक्षाओं को स्कूल स्तर पर आयोजित करने के बजाय प्रदेश स्तर पर अनावश्यक रूप से जटिल प्रक्रिया अपनाई गई है। दो पारियों में परीक्षा आयोजित करने से निजी स्कूलों और दूरदराज से आने वाले छात्रों को भारी असुविधा हो रही है। आज परीक्षा के दूसरे दिन कक्षा 9 व 10 के विद्यार्थियों को स्वास्थ्य एवं शारीरिक शिक्षा का प्रश्न पत्र अंग्रेजी माध्यम के विद्यार्थियों को अंग्रेजी के बजाय हिन्दी माध्यम में दिया गया।
निजी स्कूल प्रबंधन की मांगें
– समान परीक्षा में हुई अनियमितताओं की उच्च स्तरीय जांच कर जिम्मेदार लोगों पर कार्रवाई की जाए।
– निजी शिक्षण संस्थानों को उक्त परीक्षा से अलग रखा जाए।
– सरकारी और निजी दोनों स्कूलों के संसाधनों का विवेकपूर्ण उपयोग सुनिश्चित किया जाए।
– छात्रों और अभिभावकों पर अनावश्यक वित्तीय और मानसिक बोझ न डाला जाए।
– निजी शिक्षण संस्थानों की स्वायत्ता आपकी सरकार में संरक्षित रहे।
एसोसिएशन के अध्यक्ष जितेश श्रीमाली ने कहा, यह सिर्फ परीक्षा प्रणाली की खामी नहीं है, बल्कि हमारे बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ है। सरकार को तत्काल इस पर संज्ञान लेना चाहिए। उपाध्यक्ष दिलीप सिंह यादव ने कहा कि, प्रश्नपत्रों की इस तरह की नकल से पूरे शिक्षा विभाग की साख पर सवाल खड़े हो गए हैं। अगर कार्रवाई नहीं हुई, तो यह शिक्षा व्यवस्था का और भी बड़ा नुकसान करेगा। सचिव डॉ. उपेन्द्र रावल ने कहा कि, समान परीक्षा में हुई अनियमितताओं की उच्च स्तरीय जांच कर जिम्मेदार लोगों पर ठोस कार्रवाई की जावें। सामान परीक्षा समिति के पूर्व सदस्य जगदीश अरोड़ा ने कहा कि,समान परीक्षा में अनियमितताओं को रोकने किए लिए पूर्व में भी इसी जिला स्तर पर आयोजित किया जाता था जिसमे निजी विद्यालयों से प्रतिनिधि को सदस्यों के रूप में सामान परीक्षा समिति में सम्मिलित किया जाता था जिससे परीक्षा प्रक्रिया को सरल, पारदर्शी और निष्पक्ष बनाया जाता रहा है, इतनी सामान्य परीक्षा का प्रदेश स्तर पर आयोजित करने का कोई औचित्य नहीं है।
आज प्राइवेट स्कूल डायरेक्टर एंड मैनेजमेंट एसोसिएशन ने राजस्थान के शिक्षा विभाग द्वारा आयोजित समान परीक्षा प्रणाली में गंभीर खामियों और संसाधनों के दुरुपयोग को लेकर मुख्यमंत्री के नाम कलेक्टर उदयपुर के माध्यम से ज्ञापन अति. जिला कलेक्टर (शहर) को सौंपा। अध्यक्ष जितेश श्रीमाली, उपाध्यक्ष दिलीप सिंह यादव, सचिव डॉ उपेन्द्र रावल, सरंक्षक जगदीश अरोड़ा, डॉ देवेंद्र कुमावत, कार्यकारणी सदस्य सत्यप्रकाश मूंदड़ा, कुशल रावल, डॉ. एम.एल. चांगवाल, राकेश कुमावत एवं प्राइवेट स्कूल डायरेक्टर एंड मैनेजमेंट एसोसिएशन उदयपुर के कई सदस्य उपस्थित रहे।
प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन बोली- समान परीक्षा व्यवस्था के नाम हो रहा है खुला भ्रष्टाचार, पिछले साल का पेपर रिपीट, इंग्लिश मीडियम के बच्चों को दिया हिंदी मीडियम का पेपर, राज्य स्तरीय परीक्षा का क्या औचित्य???

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