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पुलिस ने दर्ज नहीं की पुलिस अधिकारी की रिपोर्ट तो कोर्ट से इस्तगासा, पूर्व विधायक बिधूड़ी सहित 3 लोगों पर एफआईआर

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24 न्यूज अपडेट चित्तौड़गढ़। चित्तौड़गढ़ के बेगूं से विधायक रहे राजेंद्र सिंह बिधूड़ी के खिलाफ रिटायर्ड एडिशनल एसपी ने इस्तगासे के जरिए मामला दर्ज करवाया है। पूर्व विधायक सहित 3 लोगों के खिलाफ 3 साल पहले किडनैप करने की कोशिश और लूट का प्रयास करने का मामला दर्ज किया गया। रिपोर्ट में बताया गया कि पूर्व विधायक बिधूड़ी और उनके साथियों ने गंगरार में पीड़ित के जमीन पर चलते काम को रोका व विधायक का प्रभाव होने से पुलिसकर्मियों ने मामला ही दर्ज नहीं किया। पूर्व एडिशनल एसपी पूरन सिंह पुत्र मदन सिंह भाटी ने पुलिस की ओर से मामला दर्ज नहीं करने पर इस्तगासा पेश किया। इकसे बाद राजेंद्र सिंह बिधूड़ी पुत्र हरिवंश सिंह गुर्जर निवासी रावतभाटा, देवड़ा गंगरार निवासी पप्पूलाल पुत्र चतरू गुर्जर, लाडुपुरा गंगरार निवासी रतन जाट पुत्र परशु जाट के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। बताया गया कि गंगरार में मनोहर कॉटन फैक्ट्री की जमीन पर गोपाल सिंह भाटी का परिवार रहता है। जमीन पूरन सिंह भाटी की है। करीब 3 साल पहले फैक्ट्री की तारबंदी टूट जाने से ठेकेदार सीमेंट के खंभे और पट्टियों से चारदीवारी बना रहे थे। 21 अगस्त 2021 को कंपनी का कर्मचारी जगदीश प्रसाद बाउंड्री का काम देखने गंगरार आया। इस दौरान एक व्यक्ति आया और बोला कि तत्कालीन एसडीएम नरेश गुर्जर बुला रहे हैं। कर्मचारी जगदीश प्रसाद और चार्टर्ड अकाउंटेंट राकेश राठी एसडीएम के पास गए। पूर्व विधायक राजेंद्र सिंह बिधूड़ी जहां काम चल रहा था वहां पर पहुंचे और गाली गलौज लगे। रिटायर्ड एडिशनल एसपी से आरोप है कि मारपीट करने लगे। अन्य लोग समर्थकों के साथ मौके पर आ गए व भाटी का आरोप है कि किडनैप कर उनके हाथ से मोबाइल छीन लिया। इसके बाद मौके पर पुलिस जाप्ता आया तो पुलिस जीप में बैठाकर थाने ले गए। वहां भी पूर्व विधायक समर्थकों के साथ आए व थाना अधिकारी की कुर्सी पर बैठकर गालियां दी। तत्कालीन डीएसपी कमल कुमार और तहसीलदार आसपास की कुर्सियों पर बैठे रहे। विधायक बिधूड़ी ने भीलवाड़ा की जमीन छीनने की भी धमकी दी। 6 घंटे तक थाना अधिकारी की अनुपस्थिति में बैठाकर रखा। इसके अलावा डीएसपी को पूरण सिंह को जेल में बंद रखने की हिदायत भी दी। रतन जाट के साथ षड़यंत्र रचकर कंपनी की जमीन हड़पने के नियत से पहले फैक्ट्री और बाद में थाने में रिटायर्ड ऑफिसर के साथ गलत व्यवहार किया गया। 25 अगस्त को जब थाने में मामला दर्ज करवाना चाहा तो राजेंद्र सिंह विधूड़ी के डर से किसी भी पुलिसकर्मी ने मामला दर्ज करने की हिम्मत नहीं की। इस मामले में तत्कालीन डीएसपी कमल प्रसाद और थाना अधिकारी एसएचओ शिवराज गुर्जर को पहले ही सस्पेंड कर दिया गया था।

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