24 न्यूज अपडेट उदयपुर। यूडीए ने आज ग्रामीणों की भाषा में कहें तो एक बड़ी करते हुए रामपुरा चौराहे पर लगभग 30 बरस से किए हुए कब्जे धवस्त किए। दो दुकानों और एक केबिन को पीले पंजे ने मिनटों में जमीन दिखा दी। इस कार्रवाई के दौरान यूडीए अधिकारी और पुलिस का जाब्ता मौजूद रहा। यह काम मिनटों का था मगर यूडीए को तमाम शिकायतों के बावजूद आते-आते कई बरस लग गए। इसका कारण था पॉलिटिकल प्रेशर और पावर टसल। लोगों खुश हुए कि चलो इतनी तो हिम्मत दिखाई यूआईडी ने, आगे भी हिम्मत रखेंगे तो जमीन माफिया के हौसले पस्त होते रहेंगे क्योंकि बताया जा रहा है कि माफिया लॉबी ने कई जगह इसी तरह से कब्जे कर रखे हैं और उनको कानूनी जामा पहनाने के अंतिम चरण में हैं। बड़ा सवाल यह उठ रहा है कि जमीन के सभी ब्योरे यूडीए के पास हैं तो फिर कब्जे आखिर हो केसे जाते हैं। क्या जब कब्जे हो रहे होते हैं तब संबंधित अफसरों को आंख मूंदने के लिए कह दिया जाता है या फिर मिलीभगत के खेल से जनता की आंखों में धूल झोंक दी जाती है। मजे की बात है कि ऐसी कार्रवाइयों के बारे में यूडीए बकायदा प्रेसनोट जारी कर कब्जाधारियों के नाम को सार्वजनिक नहीं करती बल्कि जनता ही माउथ पब्लिसिटी से जान जाती है कि कब्जा किस दबंग या भूमाफिया का था।
पीले पंजे ने तोड़ा भूमाफिया का 30 साल पुराना सपना, बड़ा सवाल-कब्जा किसकी शह पर हुआ?

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