चुनाव में वोट तक नहीं देने दिया, आखिर कानून का राज है के नहीं
रिपोर्ट- कमलेश झडोला
24 न्यूज अपडेट. सलूंबर। सलूंबर के डेलवास में 8 परिवारों के 70 सदस्यों को 8 साल से गांव से बेदखल कर दिया गया है। ये लोग आठ साल से दर-दर भटक रहे हैं। इनका हुक्का-पानी बंद कर दिया है। इनका कहना है कि गांव में इनके घरों को लूट लिया गया है। मानवाधिकारों का हनन हो रहा है। इनको चुनाव में वोट तक नहीं डालने दिया गया। आठ साल से दर-दर भटक रहे ये लोग अब इंसाफ चाहते हैं। अपने गांव में पुनर्वास चाहते हैं। गांव के दबंग लोगों ने इनके परिजन पर हत्या का आरोप लगाया था। आज ये जिला कलेक्टर के पास गुहार लेकर आए हैं। इनका कहना है कि आठ साल तक भटकते हुए इनका पूरा सामाजिक जीवन खत्म हो गया है। बच्चों की पढ़ाई चौपट हो गई है। खेतों पर काम नहीं कर सकते, बाजारों में खरीददारी करने नहीं जा सकते। इनमेंसे कुछ लोग जंगलों में रह रहे हैं तो कुछ रिश्तेदारों घर पर। इनका कहना है कि इन्हें न्याय दिया जाए। इनकी घर वापसी करवाई जाए। ये लोग डेलवास गांव के रहने वाले है। गांव के कुछ लोग परिवार के अन्य सदस्यों को भी प्रताड़ित कर रहे हैं और उन्हें भी गांव छोड़ने पर मजबूर कर रहे है। हाजाराम पिता थावरा ने बताया कि पूर्व में हम प्रार्थीगण को कहा कि तुम्हारा जेवर व सामान हम गांव वालों ने लूट लिया है और तुम्हारा घर खत्म कर दिया है। तुम गांव में नहीं रह सकते हो, तेरे भाई पर व परिवार के सदस्य पर हत्या का मुकदमा चल रहा है जब तक गांव में फैसला नहीं होता तो तुम व तुम्हारे परिवार का कोई भी सदस्य, रिश्तेदार इस गांव में नहीं रह सकते है। गांव के मुखिया हाजाराम पिता थावरा, नारू पिता हाजाराम, प्रभु पिता थावरा, रणछोड पिता कडुआ, गणपत पिता नारा, लोकेश पिता नारू, जितेन्द्र पिता नारू, गोतम पिता शांतिलाल, अमृतलाल पिता प्रभुलाल, राजु मीणा, बदा पिता लालु मीणा, विजयलक्ष्मी पिता बदा मीणा, समस्त जाति मीणा, तमाम निवासीयान डेलवास, तहसील सराडा व अन्य ग्रामवासी इकट्ठे होकर मकान का सामान लूट लिया व तोड़ दिया तथा गांव से निकालने की धमकी देकर प्रताड़ित किया व हमें गांव छोड़ने पर मजबूर किया कर रहे हैं। पूर्व में उक्त व्यक्तियों द्वारा बर्तन, सीमेंट, दरवाजे, खिड़किया, कुएं की मोटर, गेहूं, मक्का, चावल व जेवरात लूट कर ले गये है। उक्त गांव के सभी व्यक्ति लगातार प्रार्थी व परिवार के अन्य सदस्यों को प्रताडित कर रहे है एवं गांव छोडने पर मजबूर कर रहे है। तथा कह रहे हैं कि गणेशलाल के विरूद्ध हत्या का मामला है, इसलिये तुम कोई भी यहां इस गावं में नहीं रह सकते हो और लगातार प्रताडित कर रहे हैं। उनका कहना है कि गणेशलाल ने कोई हत्या नहीं की तथा वह निर्दोष है तथा मुकदमा न्यायालय में विचाराधीन है तथा अन्तिम परिणाम / निर्णय पर स्थिति स्पष्ट हो जाएगी फिर भी उक्त सभी व्यक्ति नहीं मान रहे है तथा हमेशा लड़ाई झगड़ा करते रहते हैं जिससे हमारे परिवार के बच्चे स्कूल पढ़ाई करने नहीं जा पा रहे हैं तथा महिलायें अकेली खेत पर व बाजार में नहीं जा पा रही है।घर से बाहर निकलना मुश्किल हो गया है। मजदूरी पर जाने पर भी अवरोध करते हैं तथा किराणा व राशन का सामान भी बाजार से लाना मुश्किल हो गया है एवं लगातार गांव छोडने के लिये प्रताडित कर रहे है एवं धमकी भी दे रहे है कि इस गांव से तुम्हे निकाल कर ही छोडेंगे अन्यथा तुम्हारी ऐसी हालत कर देंगे कि बाजार से कोई सामान भी तुम्हें नहीं देगा। इससे हमारे परिवार का व हमारा वहां गांव में रहना मुश्किल हो गया है। परिवार में किसी की मृत्यु होने पर दाह संस्कार भी नही करने देते हैं तथा दाहसंस्कार करने पर लड़ाई झगड़ा कर अवरोध उत्पन्न करते हैं तथा परिवार में कोई शादी योग्य लड़के लड़की होते हैं तो उनके विवाह कार्यक्रम में भी बाधा उत्पन्न करते हैं और सगे सम्बन्धियों से रिश्ता होने से रोक देते हैं, और रिश्ता होने पर भी रोकटोक करते हैं। मतदान करने से भी वंचित रहे। इन्हीं लोगों की वजह से 8 वर्ष कारण हम अपने रिश्तेदार के यहां रह रहे हैं। उक्त विपक्षीगण के विरूद्ध कार्यवाही की जाए।

