24 न्यूज अपडेट, नेशनल डेस्क। बुलंदशहर में भाजपा अनुसूचित जाति मोर्चा के जिला मंत्री राहुल वाल्मीकि के साथ कार में पकड़ी गई महिला अब जिंदगी से हार मानती नजर आ रही है। बदनामी, मानसिक तनाव और सामाजिक बहिष्कार ने उसे इस कदर तोड़ दिया है कि उसने खुदकुशी की बात कहनी शुरू कर दी है। पुलिस अधिकारियों के अनुसार महिला खाना-पीना छोड़ चुकी है और उसे लगातार काउंसलिंग दी जा रही है।
इस पूरे मामले ने एक गांव नहीं, तीन परिवारों की जिंदगी को हिला कर रख दिया है – एक राजनीतिक चेहरा, एक महिला और एक ग्राम प्रधान। तीनों की कहानी, गांववालों की चुप्पी और अंदर ही अंदर सुलगते सवालों की पड़ताल की गई तो कई चौंकाने वाली बातें सामने आईं।
एक वायरल वीडियो से उठा बवंडर
11 जुलाई को एक वीडियो सामने आया था जिसमें भाजपा नेता राहुल वाल्मीकि और एक शादीशुदा महिला को भीड़ ने कार में आपत्तिजनक हालत में पकड़ लिया। वीडियो में राहुल भीड़ के सामने माफी मांगता दिखा और महिला अपने चेहरे को दुपट्टे से छुपाती रही। इस घटना के बाद महिला ने छह लोगों पर गंभीर आरोप लगाए, जिनमें ग्राम प्रधान उमेश का नाम भी शामिल था। पुलिस ने अब तक दो लोगों को गिरफ्तार किया है।
गांव में पसरा सन्नाटा, कोई कुछ कहने को तैयार नहीं
घटना के बाद जब रिपोर्टर गांव पहुंचे तो हर दरवाजा खामोश मिला। मोहल्ला चोक चेनपुरा, जहां महिला और भाजपा नेता दोनों के घर महज 500 मीटर की दूरी पर हैं, वहां किसी ने मुंह खोलने की हिम्मत नहीं की। ग्रामीण बस यही कहते रहे – “हमें कुछ नहीं पता, हमें इन सब बातों में मत घसीटो।”
प्रधान के गांव में गुस्सा – कहा, दोनों दोषी हैं
कैलावन गांव, जहां से प्रधान उमेश हैं, वहां लोगों में गुस्सा साफ नजर आया। गांववालों का कहना है कि पहले भी महिला और भाजपा नेता को साथ देखा गया है, लेकिन जब मामला खुला तो प्रधान को फंसा दिया गया। एक ग्रामीण ने बताया कि बच्चों ने भाजपा नेता को महिला के साथ श्मशान घाट के पास कार में देखा और प्रधान को बताया। बाद में सारा मामला उसी पर लाद दिया गया।
प्रधान की मां का दर्द – बेटा निर्दोष है
प्रधान उमेश की मां उर्मिला ने रोते हुए कहा – “मेरा बेटा निर्दोष है, वो दोनों ही दोषी हैं। उसे थाने ले गए और फिर से घर नहीं लौटा। हम दर-दर भटक रहे हैं, कोई सुनवाई नहीं हो रही।”
महिला की शिकायत – अपहरण, मारपीट और ब्लैकमेल का आरोप
महिला की एफआईआर के मुताबिक, सात-आठ महीने पहले वह और राहुल कार में बैठे थे, तभी उमेश, छोटेलाल और तीन अन्य लोग आ गए। उन्होंने कार से निकालकर मारपीट की, वीडियो बनाए और लगातार ब्लैकमेल करते रहे। डेढ़ लाख रुपये ले चुके इन लोगों ने तीन लाख और मांगे। पैसे न मिलने पर 11 जुलाई को वीडियो वायरल कर दिया।
पुलिस जांच जारी, फरार हैं कुछ आरोपी
सीओ मधुप सिंह के अनुसार, मामले में गंभीरता से जांच चल रही है। दो आरोपी पकड़े जा चुके हैं जबकि एक अभी फरार है। महिला का बयान दर्ज हो चुका है और उसकी मानसिक स्थिति को ध्यान में रखते हुए विशेषज्ञों की मदद ली जा रही है।
परिवारों पर टूटा मानसिक संकट
महिला के घर में उसका पति और दो बच्चे हैं। पति सफाई कर्मचारी है। वहीं प्रधान के घर में उसकी मां, पत्नी और दो बच्चे हैं। गांव में इस मामले को लेकर न सिर्फ बेचैनी है, बल्कि एक भयभीरा सन्नाटा भी फैला हुआ है।

