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जो वादा किया वो निभाना पड़ेगा : विधानसभा में मारपीट, भाजपा के 3 विधायक घायल, धारा 370 बहाली के प्रस्ताव पा महासंग्राम

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24 न्यूज अपडेट. श्रीनगर। धारा 370 की वापसी का प्रस्ताव पारित होते ही जम्मू-कश्मीर विधानसभा में घमासान मच गया है। कल प्रस्ताव पारित हुआ था। आज भाजपा और अन्य विधायकों के बीच हाथापाई हो गई और तीन विधायक घायल हो गए। मार्शलों ने विधायकों को संदन से बाहर कर दिया। सदन अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया गया। जम्मू-कश्मीर विधानसभा सत्र के दौरान सत्र के आरंभ होते ही विधायकों के बीच जमकर हाथापाई हो गई। सत्ता पक्ष और विपक्षी भाजपा के विधायकों ने एक-दूसरे का कॉलर पकड़ा और धक्कामुक्की कर दी। सदन में जोरदार हंगामे के बाद पहले विधानसभा की कार्रवाई कार्यवाही 20 मिनट और उसके बाद कल तक के लिए स्थगित कर दी गई। विधायक खुर्शीद अहमद शेख ने आर्टिकल 370 की वापसी का बैनर सदन में लहराया। इस पर लिखा था, ’हम अनुच्छेद 370 और 35ए की बहाली और सभी राजनीतिक कैदियों की रिहाई चाहते हैं। इस पर भाजपा के विधायकों व ने विरोध किया, नारेबाजी करने लगे। वेल से होते हुए खुर्शीद अहमद शेख के पास पहुंचे और बैनर छीन लिया। नेशनल कॉन्फ्रेंस विधायक शेख का समर्थन करते हुए भाजपा के विधायकों से भिड़ गए। धक्का-मुक्की का माहौल हो गया। इस बीच आसन के आदेश से मार्शलों को बुलाया गया व उन्होंने आर एस पठानिया सहित कई भाजपा विधायकों को सदन से बाहर निकाल दिया। इस बीच 3 विधायक घायल भी हो गए। इसके बाद भाजपा विधायकों ने भारी हंगामा करते हुए “विशेष दर्जा प्रस्ताव वापस लो“ के जबर्दस्त नारे लगाए। स्पीकर ने कहा “यह विधानसभा है,मछली बाजार नहीं है।“ भाजपा ने अपने बयान में कहा है कि इंडी गठबंधन जम्मू-कश्मीर विधानसभा में जो प्रस्ताव लाई है वह भारतीय संविधान और सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ है। कांग्रेस के नेतृत्व वाला गठबंधन क्या दलितों, आदिवासियों, बच्चों और महिलाओं के अधिकारों के खिलाफ है? गांधी परिवार को जवाब देने की जरूरत है। क्या वे आतंकवाद, जम्मू-कश्मीर के विकास और भारत के संविधान के खिलाफ खड़े हैं। कल डिप्टी सीएम सुरिंदर चौधरी ने विशेष दर्जे को बहाल करने के लिए प्रस्ताव पेश किया व सदन में कहा कि केंद्र ने 5 अगस्त, 2019 को राज्य का विशेष दर्जा रद्द कर दिया था। ‘राज्य का स्पेशल स्टेटस और संवैधानिक गारंटियां महत्वपूर्ण हैं। यह जम्मू-कश्मीर की पहचान, कल्चर और लोगों के अधिकारों की सुरक्षा करता है। विधानसभा इसे एक तरफा हटाने पर चिंता व्यक्त करती है। भारत सरकार राज्य के स्पेशल स्टेटस को लेकर यहां के प्रतिनिधियों से बात करे। इसकी संवैधानिक बहाली पर काम किया जाए। यह बहाली नेशनल यूनिटी और जम्मू-कश्मीर के लोगों की इच्छाओं, दोनों को ध्यान में रख कर की जाए। इसके बाद हंगामा हो गया। भाजपा विधायक वेल में टेबल पर चढ़कर नारे लगाने लगे। हंगामे के बीच विधानसभा स्पीकर अब्दुर रहीम राथर ने प्रस्ताव पर वोटिंग कराई, जिसके बाद प्रस्ताव बहुमत से पास कर दिया गया

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