शाबाश सलूंबर पुलिस, हत्यारे को पकड़ने में कर दिन-रात एक कर दिए और आखिरकार हत्यारे को पकड़ कर ही दम लिया। कल रात से मुस्तैद पुलिस ने एसपी अरशद अली सहित अन्य सभी अफसरों व जवानों के नेतृत्व में हत्यारे की ऐसी मोर्चाबंदी की कि वह अदवास के जंगलों को छोड़ कर बाहर नहीं जा सका।
24 न्यूज अपडेट. सलूंबर। अदवास में शिक्षक की हत्या करने वाला फतेहसिंह राजपूत आखिरकार पुलिस की गिरफ्त में आ ही गया। पुलिस ने कल से अदवास और उसके पास के जंगलों में चप्पे चप्पे पर पहरा बिठा रखा था। इससे पहले ड्रोन से पहाडियों व जंगलों की निगरानी भी की जा रही थी। एक टीम गुजरात भी भेजी गई। इस बीच प्यास लगने पर हत्यारा पहाडी जंगलों से नीचे उतरा और जैसे ही पानी पीने आया, पुलिस उसको दबोचने दौड़ी। पुलिस को देख कर हत्यारे फतहसिंह ने खुद पर उसी तलवार से वार कर दिया जिससे कल उसने नृशंस तरीके से शिक्षक शंकरलाल मेघवाल की जान ले ली थी। पुलिसकर्मी यह सब देख कर हतप्रभ रह गए और दौड़कर हत्यारे को शिकंजे में लिया। उसे अस्पताल ले जाया गया व वहां से सीधे उदयपुर एमबी चिकित्सालय में भर्ती करवाया गया है। हत्यारे का काफी रक्त बह गया है व वह गंभीर अवस्था में भर्ती है। उसका उपचार यहां पर जारी है। इस मामले में समझाइश के लिए सलूंबर एसपी सहित आला अधिकारी और रघुवीर मीणा सहित अन्य नेता उदयपुर में मौर्चरी के बाहर मौजूद हैं।
आपको बता दें कि आज गांवा में डर वाले खौफ का माहौल है। पुलिस ने खबर लिखे जाने तक 4 लागों को हिरासत में लिया है जिनमें एक भोपा भी है। इधर, लोगों ने अपने होंठ सिल लिए हैं व कोई भी हत्याकांड पर बात नहीं करना चाहता। कई थानों का पुलिस जाब्ता, रिजर्व पुलिस बल मौके पर पहुंच चुका है। इससे पहले हत्यारे फतेहसिंह को ढूंढने के लिए रात को ही कई पुलिस टीमें ने ग्रामीणों के साथ मिलकर जंगज-जगह और पहाड़-पहाड़ की खाक छानी थी। मृतक की पत्नी की ओर से 7 धाराओं में मामला दर्ज करवाया गया है। बताया गया कि हत्यारे फतेहसिंह ने एक दिन पहले ही तलवार की धार लगाई थी। यही नहीं वह रैकी करता हुआ सीसीटीवी कैमरे में कैद हुआ है। उसने पूरी प्लानिंग के साथ घटना का अंजाम दिया। बताया जा रहा है कि फतेहसिंह अत्यधिक शराब पीने का आदी है। कुछ समय पहले वह अहमदाबाद में पंचर की दुकान लगाता था। गांव के ही रहने वाले कुछ लोगों ने ऑफ द कैमरा 24 न्यूज अपडेट टीम को बताया कि वह आदतन नशेड़ी है और गांव में शिक्षक शंकरलाल मेघवाल के घर से उसके घर की दूरी केवल 300 मीटर है। अहमदाबाद से लौटने के बाद वह बेरोजगार था। लंबे समय से कोई काम नहीं कर रहा था। वह अनमैरिड है। बताया गया कि एक दिन पहले शराब पीने के बाद उसने तय कर लिया था कि वारदात को अंजाम देना है। उसने तलवार की धार लगवाई व तलवार लेकर चलते हुए गांव वालों से यह कहते-कहते आया था एक जने का काम लगाना हैं। मार देना है और मर जाना हैं। गांव वाले समझे कि शराब के नशे में बहक कर बकवास कर रहा है। उन्हें नहीं मालूम था कि अनहोनी होने वाली है। बताया गया कि हत्या का कारण फतेहसिंह का वहम था। कुछ महीनों पहले फतहसिंह और मृतक जब साथ मिलकर बैठे तो वह किसी टोटके की बात कर रहा था। अपुष्ट बात यह सामने आई कि फतेहसिंह यह मान बैठा था कि उस पर टोटकरा कराया गया जिसकी वजह से उसका धंधा चौपट हो गया। उसे मृतक पर इसका शक रहा होगा। हालांकि सही कारण पुलिस जांच के बाद ही सामने आ पाएगा। इधर, रात भरा गांव के मोतबीर व पुलिस ने काफी तलाश की मगर फतेहसिंह नहीं मिला। अंदेशा है कि उसने कहीं आवेश में आकर अपनी जान नहीं दे दी हो। हत्यारे के दो बड़े भाई हैं लेकिन परिजनों से उसका खास लेना देना कभी नहीं रहा। इसकी वजह शराब बताई जा रही है। दोनों भाई फतेहसिंह से परेशान थे।
आपको बता दें कि जिले के जावर माइंस थाना क्षैत्र के अदवास गांव में गुरूवार देर शाम शिक्षक शंकर लाल मेघवाल की तलवार से सरेआम नृशंस हत्या के बाद से पूरे गांव में भय का माहौल है। हर कोई हत्याकांड की बात कर रहा है लेकिन मीडिया के सामने लोग सहम जाता है। शिक्षक और उनके पिता पर फतेहसिंह पुत्र देवीसिंह ने तलवार से हमला किया था। शिक्षक की मौके पर ही मौत हो गई थी तो मृतक शिक्षक के पिता गम्भीर रूप से घायल हैं। तलवार से हत्या करने के बाद हत्यारे मौके से भाग गए। घटना की जानकारी के बाद जावर माइंस थानाधिकारी पवन सिंह जाप्ते के साथ घटनास्थल पर पहुंचे और जानकारी ली। इस मामले में उदयपुर में मोर्चरी के बाहर खबर लिखे जाने तक ग्रामीणों व परिजनों की ओर से मुआवजे व त्वरित न्याय को लेकर जबर्दस्त नारेबाजी हो रही है व माहौल गर्माया हुआ है।
पत्नी ने दर्ज करवाई एफआईटार
इधर, शिक्षक शंकरलाल मेधवाल की पत्नी ललिता मेघवाल की ओर से जावरमाइंस थाने में एफआईआर दी गई है जिसमें बताया गया है कि कल दिनांक 25 जुलाई को दिन में करीब 7-7.30 बजे पति शंकरलाल मेघवाल घर के बाहर खली पडसाल में बैठे थे। पास की दुकान में ससुर डालचन्द जी थे। अचानक फतेहसिंह पिता देवीसिंह राजपूत हाथ में नंगी तलवार लेकर आया और पति शंकरलाल जो उस समय बैठे हुये थे, पीछे से उनकी गर्दन पर, पीठ व कमर पर वार कर दिये। जिसको देख कर ससुर डालचन्द मेघवाल दुकान के बाहर निकल कर बचाव करने लगे तो फतेहसिंह ने ससुर को भी तलवार मारी जिससे उनके बांये हाथ की कलाई के उपर से हाथ कट गया, दूसरा वार मुंह पर तीसरा वार दाहिनें पैर पर किया गया। इससे ससुरजी गंभीर रुप से घायल हो गये व पति की मौके पर मौत हो गयी। उसके द्वारा चिल्लाने पर लोग इकट्टा हो गये। फतेहसिंह नंगी तलवार लेकर अपने घर की तरफ भाग गया। पुलिस आयी व पति व ससुरजी को हॉस्पीटल लेकर गयी। पुलिस ने इस मामले में भारतीय न्याय संहिता की धारा 332सी, 115(2),109(1), 103 (1), आयुध अधिनियम की धारा 4 और 25 के तहत तथा अजा जजा अधिनियम की धारा 3(2)(ट।) के तहत मामला दर्ज किया है।
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