24 न्यूज अपडेट.अलवर। रिश्वत लेते रोज सरकारी कर्मचारी पकड़े जा रहे हैं, उन पर कार्रवाई भी हो रही है लेकिन यह सिलसिला थमने का नाम ही नहीं ले रहा है। ऐसा इसलिए हो रहा है क्योंकि जनता खुद पैसा देकर काम कराने में विश्वास करने लगी है और उसकी नजर में रिश्वत लेना अब अपराध नहीं रह गया है। उपर से नीचे तक ऐसा सरकारी तंत्र बना हुआ है कि जिसमें रिश्वत एक अनिवार्य दस्तूर बन गया है। सबको पता है कि हर सरकारी सिस्टम में पैसा चलता है और पैसा उपर तक पहुंचता है। जो कर्मचारी उस तंत्र का हिस्सा नहीं बन सकता उसको किसी कोने-खोपचे में ठंडी पोस्टिंग देकर बिठा दिया जाता हैं कई बार नेताओं ंको भी हिस्सा जाता है।
ब्हरहाल, अलवर में जलदाय विभाग के अधिशासी अभियंता (एक्सईएन) दिव्यांक त्यागी को कल जयपुर एसीबी की टीम ने ढाई लाख की रिश्वत लेते पकड़ा था। एसीबी टीम ने त्यागी के अलवर स्थित अंबेडकर नगर के मकान पर छापा मारा तो 55 लाख से अधिक की नकदी बरामद हुई। त्यागी ने कमरे में अलग अलग थैलों, बिस्तर के नीचे सहित अन्य जगहों पर नोट छिपा कर रखे थे। यह रकम ठेकेदार का बिल पास करने के बदले लेने की शिकायत थी। कल ही त्यागी ठेकेदार विजय कुमार से रिश्वत लेते पकड़ा गया था। त्यागी ने करीब सवा करोड़ रुपए का बिल अटका दिया था। अपने हिस्से का 3 प्रतिशत कमीशन मांग रहा था। पहले डेढ़ लाख रुपए ले चुका था। एक्सईएन ने शिकायत करने वाले ठेकेदार को अंबेडकर नगर बस स्टैंड के पास बुलाया। एक्सईएन खुद स्कूटी से आया और ठेकेदार की गाड़ी से बैठ गया। यहां से एसीबी ने उसे एक लाख रुपए लेते धर दबोचा। अब उसके घर से बड़ी रकम जब्त की गई है। दिव्यांक त्यागी कई साल से अलवर में जमा हुआ है।
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