सुशील जैन की कलम से
24 न्यूज अपडेट डूंगरपुर। चौरासी सीट पर इस बार बाप ने कमाल तो दिखा दिया मगर उसके लिए जीत की राह आसान नहीं रही। बाप प्रत्याशी प्रत्याशी अनिल कटारा 23842 वोट से जीते। इसको केवल इसलिए कहा जा रहा है क्योंकि यह जीत राजकुमार रोत की जीत जैसी नहीं है। लेकिन भाजपा जैसी संसाधनों वाली पार्टी के आगे यह जीत ऐतिहासिक है। जनता ने बता दिया है कि वह भील प्रदेश की मांग वाली पार्टी के साथ खड़ी है। भाजपा ने इस बार जो तैयारी की थी वह अभूतपूर्व थी। गली गली की खाक छानी, जिस भी तरह से साम, दाम दंड भेद और उस पर दबी जुबान में लोग कह रहे हैं कि प्रशासनिक हवा ने भी कम कमाल नहीं किया। बाप के कुछ नेताओं पर कार्रवाइयां भी हुईं लेकिन जनता तो जनार्दन है। बाप को यहां से जीवनदान मिल गया और राजकुमार रोत का कद और बढ़ गया। बहरहाल, बीएपी प्रत्याशी अनिल कटारा 23842 वोट से जीतेःमतगणना के दौरान ईवीएम में आई खराबी, होम वोटिंग के 12 पोस्टल बैलेट खारिज हुए जो चर्चा का विषय है। मतगणना के दौरान बूथ संख्या 205 गांव रोहेड़ा की ईवीएम मशीन में तकनीकी खराबी आने के समाचार मिले। होम वोटिंग के 12 पोस्टल बैलेट खारिज होना बडी बात है व अब इसकी गाज अधिकारियों पर गिर सकती है। चौरासी विधानसभा सीट पर होम वोटिंग कराने गई टीम की लापरवाही भी सामने आई। 315 में से 12 पोस्टल बैलेट खारिज हुए हैं। टीम इंचार्ज (पीआरओ) के साइन या सील नहीं होने से 12 मत खारिज किए गए हैं। जिला निर्वाचन अधिकारी ने बताया कि उपचुनाव में कुल 10 प्रत्याशी मैदान में थे। चौरासी में 13 नवंबर को वोटिंग हुई थी। जिसमें 2 लाख 55 हजार 375 में से 1 लाख 89 हजार 858 में वोट डाला था। 74.34 पर्सेंट वोटिंग हुई थी। चौरासी विधानसभा में राजकुमार रोत के विधायक से सांसद बनने के बाद यह सीट खाली हुई थी। इस सीट पर लगातार 2 बार से बीटीपी और फिर बीएपी से राजकुमार रोत चुनाव जीते। इससे पहले भाजपा के सुशील कटारा विधायक थे। इस सीट पर 1 लाख 30 हजार 647 पुरुष वोटर हैं, जिनमें से 97 हजार 212 पुरुष मतदाओं ने वोट डाला। वहीं 1 लाख 24 हजार 727 महिला वोटर्स में 92 हजार 645 महिलाओं ने मतदान किया। एक ट्रांसजेंडर ने भी अपने मत का प्रयोग किया।
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