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चित्तोड़ शहर में चरमराई सफाई व्यवस्था,जो विधायक चित्तौड़ की शान और स्वाभिमान की बात करते हुए निर्वाचित हुए है उन्हे भी गन्दगी के ढेर नजर नहीं आ रहे: पूर्व मंत्री जाड़ावत

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24 न्यूज अपडेट ओम जैन शंभूपुरा। प्रदेश के पुर्व राज्यमंत्री सुरेंद्रसिंह जाड़ावत ने कहा है की राज्य की भजनलाल सरकार की कर्मचारी सफाई भर्ती प्रक्रिया में अनुभव प्रमाण पत्र में बदले गए नियमों की जठिलता के चलते शहर के वार्डों में इन दिनों सफाई व्यवस्था चरमराई हुई है। उन्होंने कहा की राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत एवं पूर्व स्वायत शासन मंत्री शांति धारीवाल ने एक वर्ष पूर्व सफाई कर्मचारी भर्ती निकाली थी एवं बेरोजगार युवाओं के प्रति संवेदनशीलता दिखाते हुए नियमों में ढिलाई बरतते प्रक्रिया शुरू कर दी थी किन्तु सरकार बदलने के एक वर्ष पूरे होने में है किंतु राज्य सरकार की सफाई कर्मचारी भर्ती में नियमों की जटिलता के चलते भर्ती प्रक्रिया पूरी नही हो पा रही है जिसके चलते राज्य के सफाई कर्मचारी हड़ताल पर चले गए जिसका दंश आमनज को झेलना पड़ रहा है। शहर के लगभग सभी वार्डों के साथ साथ मुख्य चौराहे पर जगह-जगह कूड़े-कचरे के ढेर लगे हुए है, जिससे नगर परिषद के कार्यकाल के बाद से ही लगे प्रशासक की भूमिका को कटघरे में खड़ा कर रहा है, की सीधे सरकार से जुड़े होने के बावजूद शहर की मूल सफाई व्यवस्था चरमराई हुई है जबकि राज्य में सफाई कर्मचारी संगठन हड़ताल पर जाने की राह से वाकिफ थे।
पूर्व मंत्री जाड़ावत ने कहा की जिला मुख्यालय एवं विश्व विख्यात दुर्ग पर पर्यटक सीजन की वजह से देशी विदेशी पर्यटकों का आना जाना लगा हुआ है, जगह जगह कचरे के ढेर दिखाई दे रहे है वहीं, कूड़े में खाद्य सामान पड़ा होने से अकसर आवारा जानवर और पशु भी कूड़े को इधर-उधर फैला देते हैं। इससे रास्ते से गुजरने वाले आमजन राहगीरों को भी मुश्किल हो रही है जबकि जिले के सभी विधायक सरकार में शामिल है जो विधायक चित्तौड़ की शान और स्वाभिमान की बात करते हुए निर्वाचित हुए है उन्हे भी गन्दगी के ढेर नजर नहीं आ रहे है चुने हुए सभी जनप्रतिनिधियों को इस मामले में संज्ञान लेकर जिले एवं शहर में चरमराई हुई सफाई व्यवस्था से आमजन को निजात दिलानी चाहिए।

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