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सफाई कर्मचारी भर्ती में हैला, वाल्मीकि व भिश्ती समाज के लिए अनुभव प्रमाण पत्र की अनिवार्यता समाप्त करने की मांग

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24 न्यूज अपडेट उदयपुर। इंतेजामिया नौजवान कमेटी कांजी का हाटा की ओर से सदर सिद्दिक हुसैन ने मुख्यमंत्री को लिखे पत्र में बताया गया कि वर्तमान में जारी की गई सफाई कर्मचारीयों की भर्ती की विज्ञप्ति में हैला, वाल्मीकि एवं मिश्ती समाज से सफाई कार्य के अनुभव की अनिवार्यता को देखते हुए निवेदन किया गया कि उक्त समाज जो पुश्तैनी रूप से सफाई कार्य करते हुए आये है उनके लिये किसी प्रकार के अनुभव की अनिवार्यता को समाप्त कर हैला, वाल्मिकी एवं मिश्ती समाज को अनुग्रहित करें। तीनों ही समाज जन्मजात व राजा-महाराजा के समय से सफाई कार्य करते आये हैं य सफाई कार्य करने वाली जाति में पैदा हुए है, इन तीनों समाज से सफाई कार्य का अनुभव प्रमाण पत्र मांगना न्यायसंगत नहीं है। भर्ती प्रक्रिया निष्पक्ष एवं पारदर्शी होने के लिये जिला कलक्टर के माध्यम से निष्पादित करने का भी अनुरोध किया गया है। हैला, वाल्मिकी एवं मिश्ती समाज से भर्ती प्रक्रिया में एक-एक प्रतिनिधि को सम्मिलित करने का भी अनुरोध किया गया है जिससे भर्ती प्रक्रिया निष्पक्ष एवं सुचारू रूप से संचालित हो सकें। चूंकि पूर्व में भी समय-समय पर राज्य सरकार के आदेशानुसार हैला, वाल्मीकि एवं मिश्ती समाज को सफाई कर्मचारियों की भर्ती में प्राथमिकता दी जावेगी, ऐसा वर्णित किया गया है। सामाजिक न्याय अधिकारिता विभाग, उदयपुर के अध्याय नंबर 61 में वर्णित हैला, वाल्मिकी एवं मिश्ती समाज द्वारा सफाई का कार्य किया जाता है ऐसा दर्शाया गया है। पुनः निवेदन किया गया कि तीनों ही समाज के अनुभव प्रमाण पत्र की अनिवार्यता को समाप्त कर समाज द्वारा जारी लेटरपेड या जाति प्रमाणपत्र के आधार पर भर्ती प्रक्रिया में शामिल किया जायें।

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