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चार सत्रों से लंबित डीपीसी करने व तृतीय श्रेणी शिक्षकों के स्थानांतरण की डेड लाइन तय करने की रखी मांग

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राजस्थान पंचायतीराज एवं माध्यमिक शिक्षक संघ की ओर से कल प्रदेश के उप खंड मुख्यालयों पर धरना प्रदर्शन

उदयपुर 20 अगस्त। प्रदेश के स्कूलों में हजारों रिक्त पड़े पदों को भरने की ठोस कार्यवाही नहीं करने,शिक्षक संवर्ग की पिछले चार सत्रों से पदोन्नतियां नहीं किए जाने तथा पिछले एक दशक से प्रतिबंध टीएसपी जिलों के शिक्षकों का उनके गृह जिलों में समायोजन सहित तृतीय श्रेणी शिक्षकों के स्थानांतरण नहीं करने तथा शिक्षक समस्याओं की लगातार अनदेखी को लेकर राजस्थान पंचायती राज एवं माध्यमिक शिक्षक संघ ने राज्यव्यापी आंदोलन के प्रथम चरण में प्रदेश के उपखंड मुख्यालयों पर गुरुवार 22 अगस्त को धरना प्रदर्शन के माध्यम से सरकार को उप खंडाधिकारियों के माध्यम से पांच सूत्री मांग पत्र भेजा जाएगा । संघ के प्रदेश अध्यक्ष शेर सिंह चौहान एवं प्रदेश महामंत्री राजेश शर्मा ने बताया इसके बाद आंदोलन के द्वितीय चरण में 30 अगस्त को प्रदेश के समस्त जिला मुख्यालयों पर एक दिवसीय धरना प्रदर्शन कर जिला कलेक्टरों के माध्यम से राज्य सरकार को 5 सूत्री मांगों का ज्ञापन देने का कार्यक्रम तय किया गया है।संघ के प्रदेश महामंत्री राजेश शर्मा ने बताया कि 5 सूत्रीय मांग पत्र में शिक्षा विभाग में विगत चार शैक्षिक सत्रों से वरिष्ठ अध्यापक से डीईओ पदों की अटकी पदोंन्नतियां जल्द करा कर स्कूलों से लेकर शिक्षा अधिकारी कार्यालयों के सभी रिक्त पदों को भरने, सरकार की ओर से ठोस नीतिगत निर्णय लेकर प्रदेश में पिछले 6 सालों से तृतीय श्रेणी शिक्षकों के स्थानांतरण नहीं होने से प्रताड़ना झेल रहे हजारों शिक्षकों को राहत देते हुए शिक्षा विभाग में तबादलों से प्रतिबंध हटाते हुए जल्द तृतीय श्रेणी शिक्षकों सहित सभी श्रेणी के शिक्षकों के स्थानांतरण शुरू करवाने, राज्य के स्कूलों में अधिशेष चल रहे 37 हजार शिक्षकों का जल्द समायोजन कराने,वरिष्ठ अध्यापक पद पर वर्तमान पदोन्नति नियमों में संशोधन कर संख्यात्मक आधार पर कला,कृषि, वाणिज्य के तृतीय श्रेणी शिक्षकों को पदोन्नति के विशेष अवसर देते हुए अन्य कार्मिकों के समान समयबद्ध पदोन्नति दिलाए जाने तथा स्कूलों में बच्चों की गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के लिए शिक्षकों से मोबाइल के माध्यम से लिए जा रहे ऑनलाइन कार्यों पर रोक लगाकर शिक्षकों को बीएलओ सहित सभी प्रकार के गैर शैक्षणिक कार्यों से पूरी तरह से मुक्त कराये जाने की मांगों पर त्वरित निराकरण करने की मांग की जाएगी।

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