- राजस्थान पंचायती राज एवं माध्यमिक शिक्षक संघ के प्रतिनिधि मंडल की शासन सचिव स्कूल शिक्षा से हुई विस्तृत वार्ता
24 न्यूज अपडेट उदयपुर। राजस्थान पंचायती राज एवं माध्यमिक शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष शेर सिंह चौहान के नेतृत्व में एक प्रतिनिधि मंडल ने उदयपुर प्रवास पर आए शासन सचिव स्कूल शिक्षा कृष्ण कुणाल से मुलाकात कर 10 सूत्री मांग पत्र सौंपकर लंबित शिक्षकों की समस्याओं का जल्द निस्तारण करने की मांग रखी। संगठन के प्रदेश महामंत्री राजेश शर्मा ने बताया कि शासन सचिव स्कूल शिक्षा ने संघ के प्रदेश अध्यक्ष शेर सिंह चौहान के नेतृत्व में मिले प्रतिनिधि मंडल से बिंदुवार विस्तृत वार्ता कर कहा कि शिक्षकों के स्थानांतरण में राजनीतिक हस्तक्षे पूरी तरीके से बंद करने की योजना है । हरियाणा एवं उड़ीसा जैसे राज्यों की ट्रांसफर पॉलिसी का अध्ययन कर राज्य में एक पारदर्शी शिक्षक तबादला नीति का ड्राफ्ट तैयार है। जल्द सभी शिक्षक संघों से वार्ता कर इसका ड्राफ्ट जारी किया जाएगा। तृतीय श्रेणी शिक्षकों के तबादले इस बार नीति के आधार पर ही ऑनलाइन आधार पर ही किए जाएंगे जिसमें 95 फ़ीसदी शिक्षक को राहत मिलेगी और वह सहमत होंगे।शासन सचिव ने संगठन के प्रदेश अध्यक्ष शेर सिंह चौहान को आश्वस्त किया कि शिक्षकों के सभी संवर्ग तथा शिक्षा अधिकारियों लंबित चल रही डीपीसी प्रक्रिया में आ रही कानूनी अड़चनों को दूर कर जल्द पदोन्नति प्रक्रियाएं प्रारंभ कर शिक्षक संवर्ग को राहत देने की योजना है। उन्होंने क्रमोन्नत उच्च माध्यमिक एवं महात्मा गांधी विद्यालयों से अधिशेष हुए प्रदेश के 20 हजार शिक्षकों का आचार संहिता हटते ही जून में समायोजन करने का भरोसा दिलाया।
संगठन के प्रदेश अध्यक्ष शेर सिंह चौहान ने शासन सचिव को सौंपे ज्ञापन में लिखा कि पिछले एक साल से शिक्षा का पूरा ढांचा बिगड़ा हुआ चल रहा है।शिक्षा विभाग की ओर से पिछले दो सालों में क्रमोन्नत किए गए उच्च माध्यमिक विद्यालयों तथा महात्मा गांधी रूपांतरित विद्यालयों में 20 हजार से अधिक शिक्षक कर्मचारी पिछले 1 साल से अधिशेष चल रहे हैं ।इनमें से अधिकतर शिक्षकों की पोस्टिंग किसी स्कूल में कार्य व्यवस्था में दूसरी जगह लगा रखा है ,जबकि वेतन अन्य स्कूलों से उठाया जा रहा है। ऐसे में शिक्षकों का सेवा रिकॉर्ड संधारण, समय पर वेतन भुगतान नहीं हो पा रहा है। यही नहीं विभाग की ओर से पिछले चार शैक्षिक सत्रों से तृतीय श्रेणी से वरिष्ठ अध्यापक, वरिष्ठ अध्यापक से व्याख्याता, वाइस प्रिंसिपल प्रिंसिपल, डीईओ पदों पर डीपीसी नहीं होने से स्कूलों में बड़ी संख्या में वरिष्ठ अध्यापक व व्याख्याता,प्रिंसिपल एवं कार्यालयों में शिक्षा अधिकारियों के बड़ी तादात में पद रिक्त होने से व्यवस्थाएं प्रभावित हो रही है।साल 2018 के बाद के बाद तृतीय श्रेणी शिक्षकों के एक बार भी स्थानांतरण नहीं किए गए । ऐसे में शिक्षकों की सबसे बड़े केडर में बेहद नाराजगी है। संघ ने पारदर्शी शिक्षक स्थानांतरण की नीति का ड्राफ्ट जारी कर ग्रीष्म अवकाश में तृतीय श्रेणी शिक्षकों सहित सभी श्रेणी के शिक्षकों के अनिवार्य रूप से स्थानांतरण करवाने, टीएसपी से नॉन टीएसपी में समायोजन किये गये1903 शिक्षकों मे से शेष रहे शिक्षक जिनके रीलिवर नहीं आये हैं उनका सभी का समायोजन करने तथा शेष बचे शिक्षकों ,शारीरिक शिक्षकों व द्वितीय श्रेणी शिक्षकों का भी नोन टीएसपी में समायोजन कराए जाने, सरकारी स्कूलों में छोटे बच्चों को बेहतरीन शिक्षा एवं बाल मनोविज्ञान को ध्यान में रखते हुए एकीकृत उच्च माध्यमिक विद्यालयों से कक्षा 1 से 5 तक के विद्यार्थियों के लिए स्वतंत्र प्राथमिक विद्यालय संचालित कराये जाने, प्रदेश महामंत्री ने राजेश शर्मा ने बताया कि संघ की ओर से शासन सचिव को पदोन्नति के वर्तमान गलत नियमों की वजह से कला, वाणिज्य स्नातक सामाजिक विज्ञान, हिंदी, संस्कृत, कृषि वाणिज्य जैसे विषयों के तृतीय श्रेणी शिक्षकों को 25 से 30 साल की सेवा पर भी पदोन्नति नहीं मिल पा रही है। और बिना पदोन्नति के हजारों शिक्षक सेवानिवृत हो जाते हैं । लिहाजा वरिष्ठ अध्यापक पद पर पदोन्नति के वर्तमान सेवा नियमों में संशोधन कर संख्यात्मक आधार पर कला कृषि वाणिज्य के तृतीय श्रेणी शिक्षकों को पदोन्नति के विशेष अवसर देते हुए अन्य कार्मिकों के समान समयबद्ध पदोन्नति दिलाए जाने तथा प्रदेश के सभी जिलों में शिक्षकों की लंबित एसीपी एमएसपी प्रकरणों का समयबद्ध निस्तारण सुनिश्चित करते हुए सभी डीईओ प्रारंभिक एवं माध्यमिक को आदेशित कर समयबद्ध निस्तारण करने के हेतु पाबंद कराये जाने का आग्रह किया।

