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चाकूबाजी के बाद देर रात माहौल गर्माया, बुलडोजर जस्टिस की मांग करते हुए एमबी अस्पताल के बाहर जमकर हुई नारेबाजी, पुलिस-प्रशासन पर धर्म के आधार पर भेदभाव का आरोप

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24 न्यूज अपडेट. उदयपुर। उदयपुर के सूरजपोल थाना क्षेत्र में कल रात को एक युवक ने दूसरे पर चाकू से वार कर ऐसा घायल किया कि युवक चाकू सहित एमबी अस्पताल पहुंचा। चाकू उसके कंधे में फंस गया। घायल को एमबी हॉस्पिटल ले जाया गया जहां पर रात को माहौल इसलिए गरमा गया क्योंकि दोनों का धर्म अलग-अलग था। लोग रात करीब साढे 11 बजे हंगामा करने लगे और जिला प्रशासन को बुलडोजर जस्टिस की याद दिलाते हुए नारेबाजी करने लगे। लोगों में इस बात का गुस्सा था कि जिला प्रशासन इस मामले में अलग तरीके से क्यों रिएक्ट कर रहा है। पुलिस की समझाइश के बाद ही मामला शांत हो पाया। बताया गया कि रात करीब 10 बजे रावजी का हाटा निवासी चेतनसिंह पंवार कालाजी-गोराजी से गुलाबबाग शेर वाली फाटक की ओर से बाइक लेकर जा रहा था। इस दौरान हेलावाड़ी निवासी शोएब तेज गति से बाइक लेकर आया और चेतन के सामने कट मारा। इस बात पर दोनों में जोरदार और तीखी बहस हो गई। आवेश में आकर चेतन ने अपने पास रखा चाकू शोएब को दे मारा। चाकू शोएब के कंधे पर लगा और वार इतना तेज था कि चाकू वहीं पर फंस कर रह गया। आरोपी चेतनसिंह मौके से फरार हो गया। घायल शोएब को राहगीरों ने एमबी हॉस्पिटल पहुंचाया। इसके बाद परिजन व समुदाय के लोग हॉस्पिटल पहुंचे।
धीरे धीरे लोगों का जमावड़ा हॉस्पिटल में होने लगा। पुलिस ने देर रात आरोपी चेतन को गिरफ्तार कर लिया था। शोएब के कंधे का ऑपरेशन कर डाक्टरों ने चाकू बाहर निकाला व बताया कि उसकी हालत खतरे से बाहर है। अस्पताल में मौजूद लोगों ने इस दौरान हंगामा कर दिया। लोगों ने विरोध करते हुए आरोपी के घर पर बुलडोजर चलाने और पीड़ित के परिजनों को सरकारी नौकरी दिए जाने की मांग की। भीड़ जमा होती चली गई। सूचना पर पुलिस के आला अधिकारी मौके पर आए व लोग मांगों पर अड़े रहे। ऐसे में तनाव बढ़ते देख पुलिस ने तुरंत मौके से भीड़ को लाठियां दिखाते हुए खदेड़ा और परिजनों को समझाइश कर मामला शांत कराया। लोगों ने पुलिस प्रशासन पर धर्म के आधार पर कार्रवाई में भेदभाव का आरोप लगाया। उनका कहना था पुलिस धर्म के आधार पर भेदभाव करते हुए उनके साथ ज्यादा सख्ती कर रही है जबकि अन्य मामलों में ऐसा नहीं किया गया है। उनका मामला आते ही उसे कानून याद आन ेलगते हैं जबकि अन्य मामलों में वह मूकदर्शक बनकर देखती रहती है। उसे हर मामले को एक जैसा ही देखना चाहिए व चाकू मारने वाले के घर पर बुलडोजर चलना चाहिए। बाद में समझाइश हुई व लोग मान गए।

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