24 न्यूज़ अपडेट उदयपुर। राष्ट्रीय घरेलू महिला श्रमिक संगठन, द्वारा उदयपुर में आज स्वयंसेवी संस्थाओं द्वारा एक वर्कशाप आयोजित की गई जिसका उद्देश्य घरेलू महिला श्रमिकों के लिए राज्य स्तरीय कानून बनाकर डॉमेस्टिक वर्कर के अधिकारों की सुरक्षा की जा सके, और उनकी सामाजिक सुरक्षा के दायरे में लाकर, उनके अधिकारो की पैरवी की जा सके। इस हेतु एक राज्यव्यापी एक नेटवर्क बने और नेटवर्क के जरिए राजस्थान की जितनी भी सामाजिक संस्थाएं हैं, जो श्रम अधिकारो के लिए कार्य करती है, वह संस्थाएं घरेलू श्रमिकों हित के लिए कार्य करें। इस कार्यशाला में दिल्ली से चिन्मय कुमारी, उदयपुर से सिस्टर कीर्ति, एडवोकेट राजेश सिंघवी, एडवोकेट ताराचंद वर्मा , नेशनल हॉकर फेडरेशन से याकूब मोहम्मद, आदर्श शिक्षण संस्थान से नारायण लाल सेन, आशा कुमारी, भगवती बाबरी, रीता भटनागर, खेमराज, नरेश कुमार, प्रतिभा राजोरा सभी ने अपने विचार रखे और चिन्मय कुमारी ने कहा कि इसके लिए एक ड्राफ्ट बिल बनाया जाए और डॉमेस्टिक वर्कर की पहचान के लिए उनका कार्ड बने और राजस्थान सरकार को यह ड्राफ्ट बिल पेश किया जाए इसी संबंध में जिला स्तर की कमेटी बनकर राज्य स्तरीय एक सम्मेलन आगामी सितंबर 29 को जयपुर में आयोजित किया जाएगा। डॉमेस्टिक वर्कर को कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ता है और उनके अधिकारों की रक्षा के लिए कोई ठोस कानून नहीं है इसलिए सरकार को एक बिल पेश किया जाए।
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