24 न्यूज अपडेट, चित्तौड़गढ़। गंगरार वाटर पार्क प्रकरण में अबकी बार……डीएसपी का नंबर आया है। पहले थानाधिकारी को लाइन में भेज दिया गया था अब डीएसपी साहब का तबादला हुआ है। बताया तो प्रशासनिक कारण है मगर जनता को जो खुली आंखों से दिखता है उसे छुपाना लगभग नामुमकिन होता है। लोग कह रहे हैं कि यह पॉलिटिकल बुलडोजर जस्टिस हो रहा है। कार्रवाई एक पर और सबक पूरे सिस्टम को वाला कहीं कोई फार्मूला चल रहा है। गंगरार डीएसपी के लिए पुलिस मुख्यालय जयपुर से तबादले का फरमान आया है। आपको बता दें कि चित्तौड़गढ़ में 6 जून को किंग्स वाटर पार्क में तोड़फोड़ हुई थी जो देश ही नहीं विदेशों में भी लोगों ने अपने कैमरे पर देखी। इसमें गांव से लगभग 100 लोग वाटर पार्क में घुस आए थे व अफरा तफरी का माहौल था। सीन ऐसा हो गया जैसे किसी साउथ की फिल्म की शूटिंग चल रही हो। जेसीबी से पूरे वाटर पार्क को धमाचौकडी मचा दी गई थीं इस मामले में पुलिस ने 10 लोगों को भी पकड़ लिया था, जिसमें पूर्व प्रधान देवीलाल जाट और पूर्व सरपंच संजय वैष्णव भी शामिल थे। उसके बाद से पावर पॉलिटिक्स का गेम शुरू हुआ जो रूकने का नाम ही नहीं ले रहा है। गंगरार डीएसपी रविन्द्र प्रताप सिंह और थानाधिकारी मोतीराम सारण के लिए यह किसी सबक के जैसा है जिसमें यह सीख मिल रही है कि कितनी भी बड़ी घटना हो जाए। रूको, देखो, पॉलिटिकल मास्टर्स को विश्वास में लो और गुणा-गणित को जोड़ने के बाद कदम उठाओ। नही तो साइड इफेक्ट झेलने को तैयार रहो। थानाधिकारी को 10 जून को लाइन हाजिर किया गया था उसके बाद अब डीएसपी का अजमेर ट्रांसफर किया हैं दोनों ही मामलों में प्रशासनिक कारणों का हवाला दिया है और अब किंग्स वाटर पार्क मामले में पुलिस की ओर से पूरी तरह से चुप्पी साध ली गई है। अब आगे और लोगों की गिरफ्तारियों की संभावनाएं पूरी तरह से धूमिल होती नजर आ रही है।
गंगरार वाटर पार्क प्रकरण में पॉलिटिकल बुलडोजर, डीएसपी का अजमेर तबादला, पहले थानाधिकारी लाइन हाजिर हुए, पुलिस को बड़ी सीख-पॉलिटिकल मास्टर्स के आगे सब फेल

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