24 न्यूज अपडेट. नेषनल डेस्क। राजस्थान के प्रतापगढ़ जिले में एक चौंकाने वाली घटना सामने आई है, जहां ब्राउन शुगर तस्करों से संबंध रखने के मामले में निलंबित चल रही महिला हेड कॉन्स्टेबल जयंता बानो के फ्लैट पर अज्ञात हमलावर ने फायरिंग कर दी। मंगलवार सुबह करीब 9ः30 बजे यह वारदात हुई, जब अज्ञात बदमाश ने फ्लैट की खिड़की पर दो राउंड फायर किए और मौके से फरार हो गया। फायरिंग की आवाज सुनकर आसपास के लोग बाहर निकल आए, लेकिन तब तक आरोपी वहां से भाग चुका था।
घटना के वक्त महिला कॉन्स्टेबल अपने घर पर मौजूद नहीं थी, जिससे कोई जानहानि नहीं हुई, लेकिन पुलिस को घटनास्थल से गोलियों के खोखे मिले। मामले की गंभीरता को देखते हुए सूचना मिलते ही कोतवाली पुलिस मौके पर पहुंची और छानबीन शुरू कर दी। पुलिस उप अधीक्षक और शहर कोतवाल के नेतृत्व में प्रतापगढ़ मोबाइल यूनिट की टीम ने घटनास्थल का निरीक्षण किया और आसपास के लोगों से पूछताछ की। जांच के दौरान पुलिस को फ्लैट की खिड़की पर गोली लगने से बने दो छेद मिले, जिससे यह स्पष्ट हुआ कि हमलावर ने नजदीक से निशाना साधकर गोली चलाई थी। घटना को महिला हेड कॉन्स्टेबल जयंता बानो के ब्राउन शुगर तस्करों से संबंधों से भी जोड़कर देखा जा रहा है। पुलिस रिकॉर्ड के मुताबिक, जयंता बानो निलंबित चल रही हैं क्योंकि उन पर आरोप है कि उन्होंने मध्यप्रदेश के मंदसौर जाकर कुख्यात तस्कर और अपराधी जैद से मुलाकात की थी। जैद के खिलाफ तस्करी, हत्या और अन्य संगीन अपराधों के 15 से अधिक मामले दर्ज हैं, जिससे यह साफ होता है कि वह एक खतरनाक अपराधी है। इस पूरे मामले की जांच पुलिस द्वारा की जा रही है और जयंता बानो की संलिप्तता को लेकर विस्तृत पड़ताल की जा रही है।
घटना के बाद पुलिस ने एहतियात के तौर पर निलंबित हेड कॉन्स्टेबल के फ्लैट के बाहर सुरक्षा बढ़ा दी है और वहां पुलिसकर्मियों की तैनाती कर दी गई है। साथ ही बांसवाड़ा से फोरेंसिक साइंस लेबोरेटरी (थ्ैस्) की टीम को भी बुलाया गया है, ताकि तकनीकी साक्ष्यों के आधार पर जांच को आगे बढ़ाया जा सके। पुलिस फिलहाल यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि फायरिंग किसी व्यक्तिगत रंजिश के कारण हुई या फिर इसका संबंध जयंता बानो के तस्करों से जुड़े मामलों से है।
इस घटना ने प्रतापगढ़ जिले में कानून-व्यवस्था को लेकर कई सवाल खड़े कर दिए हैं। पुलिस इस एंगल से भी जांच कर रही है कि क्या जयंता बानो के निलंबन के बाद उनसे जुड़े लोग उन्हें डराने या धमकाने की कोशिश कर रहे हैं। हालांकि, अभी तक इस मामले में किसी भी संदिग्ध की पहचान नहीं हो पाई है और हमलावरों की तलाश जारी है। पुलिस जल्द ही सीसीटीवी फुटेज और अन्य इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्यों की मदद से अपराधियों तक पहुंचने की कोशिश कर रही है। यह मामला दिखाता है कि अपराध और पुलिस तंत्र के बीच किस तरह का गठजोड़ हो सकता है और जब किसी पुलिसकर्मी पर आपराधिक गतिविधियों में शामिल होने के आरोप लगते हैं, तो उसकी सुरक्षा भी खतरे में पड़ सकती है। प्रतापगढ़ पुलिस इस घटना की हर पहलू से जांच कर रही है ताकि सच्चाई सामने आ सके और दोषियों को गिरफ्तार किया जा सके।
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