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कलेक्ट्री पर छात्रसंघ चुनाव का धूम धड़ाका, हू….हा…..हू…….हा (खबर के साथ लाइव वीडियो जरूरी देखें)

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24 न्यूज अपडेट उदयपुर। नया शैक्षणिक सत्र शुरू होने से पहले ही छात्रसंघ चुनावों की गूंज सुनाई देने लगी है। पिछली सरकार ने चुनावी साल होने से छात्रसंघ चुनाव नहीं करवाए थे क्योंकि नतीजों से चुनाव प्रभावित होने का डर था। अब डबल इंजन की भाजपा सरकार से भी उसके ही समर्थक छात्र नेताओं व छात्र संगठनों को उम्मीद नहीं है कि चुनाव करवाए जाएंगे। वे कह रहे हैं कि यदि मांग नहीं मानी गई तो सरकार भी अस्थिर हो सकती है। ऐसे में आज उदयपुर में जिला कलक्ट्रेट पर विभिन्न छात्र नेताओं की ओर से जंगी प्रदर्शन किया गया। पुलिस के साथ खूब रस्साकश्शी और धक्का मुक्की हुई। छात्र नेताओं ने भी कैमरे के सामने जमकर तेवर दिखाए ताकि संगठन में और छात्रों में उनकी मजबूत उपस्थिति दर्ज करवाई जा सके। कुछ छात्र नेता इस दौरान जोश-जोश में लक्ष्मण रेखा को पार करते दिखाई दिए मगर पुलिस ने संयम से काम लेते हुए व्यवस्था बनाए रखी। वैसे तो लिंगदोह कमेटी की सिफारिशों के तहत छात्रसंघ चुनाव केवल कैंपस के अंदर का मामला है। बाहर ना पोस्टर लगाए जा सकते हैं ना ही प्रचार या विजय जुलूस निकाला जा सकता है लेकिन मानता कौन कहां पर है। चुनावों का असर व्यापक रूप से होता है व हर बार यह भाजपा-कांग्रेस सहित अन्य दलों के लिए प्रतिष्ठा का सवाल बन जाता है। मजे की बात ये है कि अभी 12वीं का रिजल्ट आया है और नए प्रवेश के केवल आवेदन मांगे गए हैं। प्रवेश प्रक्रिया तक पूरी नहीं हुई है मगर छात्र नेता पहले से मैदान में आ गए हैं व पहले से कैंपेनिंग शुरू कर दी है। कलेक्टरी पर आज प्रदर्शन भी ढोल की थाप पर हुआ। इधर, ढोल बज रहा था उधर छात्र नेता और समर्थक कलेक्ट्रेट के अंदर घुसने का प्रयास कर रहे थे। रस्साकशी व धक्का-मुक्की के मंजर देखने को मिले। वहीं बेरिकेड पर चढ़कर विजयी मुद्रा में जोशीले नारे और गेट पर हॉट टॉक के मंजर। बाद में नेताओं की ओर से ज्ञापन दिया गया जिसमें छात्रसंघ चुनाव शीघ्र करवाने की मांग की गई। इस शक्ति प्रदर्शन के दौरान दो-तीन बड़े छात्र नेताओं के समर्थन मे ंनारे लगे। बताया गया कि एमजी कॉलेज, सुविवि, गुरू नानक कॉलेज सहित अन्य जगहों के छात्रों का यहां पर पार्टिसिपेशन था। मगर पूरा प्रदर्शन अभाविप के छात्रों का प्रमुख रूप से दिखाई दिया। छात्र नेताओं के तेवर बता रहे हैं कि इस बार चुनावा गर्मजोशी वाले रहने वाले हैं। इनके तेवर इतने मुखर हैं कि मुख्य धारा की राजनीति भी पानी भर रही है। इन चुनावों में एक और खास बात यह रहने वाली है कि इस बार अभाविप में टिकटार्थियों को छात्र संघर्ष समति के भाजपा में मर्जर के बाद ज्यादा आंतरिक चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है।

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