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ओमान भेजी जा रही चूरू की युवती मानव तस्करों के जाल से बची, सोशल मीडिया पर ब्रेनवॉश कर पासपोर्ट बनवाया, गहने-नकदी भी साथ लाई थी

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24 News Update चूरू/दिल्ली। राजस्थान के चूरू जिले की 18 वर्षीय युवती को ओमान भेजे जाने से पहले दिल्ली एयरपोर्ट से पुलिस ने डिटेन कर लिया। समय रहते की गई इस कार्रवाई से एक बड़ी मानव तस्करी की साजिश नाकाम हो गई। युवती सोशल मीडिया पर ओमान निवासी मोहम्मद इस्लाम के संपर्क में आई थी, जिसने उसे हाई-प्रोफाइल जीवन का सपना दिखाकर अपने जाल में फंसा लिया था।
तीन महीने पहले ही बनवाया पासपोर्ट, सोना-नकदी लेकर घर से भागी
चूरू एसपी जय यादव ने बताया कि आरोपी इस्लाम ने युवती को बहला-फुसलाकर पासपोर्ट बनवाया और उसे ओमान बुला लिया। युवती ने घरवालों से झूठ बोलकर तीन-चार महीने पहले पासपोर्ट तैयार करवा लिया। बीते रविवार को वह एक लाख रुपये नकद और सोने-चांदी के जेवरात लेकर दिल्ली एयरपोर्ट पहुंची। यहां उसने इमिग्रेशन की प्रक्रिया भी पूरी कर ली थी और फ्लाइट में चढ़ने ही वाली थी।
आरोपी ने ओमान में बेचने की रची थी साजिश
पुलिस की प्राथमिक जांच में सामने आया है कि आरोपी का मकसद युवती को मस्कट (ओमान) ले जाकर बेचना या मानव तस्करी में झोंकना था। आरोपी ने युवती को घर से दिल्ली एयरपोर्ट तक पहुंचाने के लिए गाड़ी की व्यवस्था भी खुद कर रखी थी। वहीं, मस्कट एयरपोर्ट पर उसे रिसीव करने के लिए खुद आने की बात कही थी।
दो घंटे में रेस्क्यू प्लान, दिल्ली पुलिस से समन्वय
एसपी जय यादव ने बताया कि जब परिजनों ने युवती के गुम होने की सूचना दी, तो जांच में पता चला कि वह ओमान जाने की तैयारी में है। तारानगर से दिल्ली पहुंचने में चार से पांच घंटे का समय लगता, लेकिन पुलिस के पास सिर्फ दो घंटे का वक्त था क्योंकि युवती की शाम 7 बजे की फ्लाइट थी। पुलिस ने तुरंत दिल्ली एयरपोर्ट एसीपी से संपर्क कर आधिकारिक ईमेल भेजा, और दिल्ली एयरपोर्ट थाना पुलिस से समन्वय किया। एयरपोर्ट पर फ्लाइट में बैठने से ठीक पहले, युवती को सुरक्षा कतार से बाहर निकालकर डिटेन कर लिया गया।
समय रहते रेस्क्यू से टली बड़ी घटना
एसपी यादव ने बताया कि यदि युवती मस्कट पहुंच जाती, तो संभव था कि वह किसी मानव तस्करी गिरोह के शिकंजे में फंस जाती या फिर उसे बेच दिया जाता। पुलिस की त्वरित कार्रवाई, दिल्ली पुलिस और एयरपोर्ट अधिकारियों के तालमेल से एक बड़ी मानव तस्करी की वारदात टल गई और युवती का जीवन बच गया।
पेरेंट्स रहें सतर्क, बच्चों की ऑनलाइन गतिविधियों पर रखें नजर
एसपी ने इस मामले को सोशल मीडिया के ज़रिए हो रहे साइबर ब्रेनवॉश और मानव तस्करी की नई तकनीकों का उदाहरण बताया। उन्होंने अभिभावकों से अपील की कि वे अपने बच्चों की मोबाइल गतिविधियों पर नजर रखें और यह सुनिश्चित करें कि वे किससे संपर्क में हैं और क्या बातें कर रहे हैं।
“आजकल कई तस्कर विदेशी नंबरों और नकली प्रोफाइल से बच्चों को हाई-प्रोफाइल जिंदगी का सपना दिखाकर जाल में फंसा रहे हैं। थोड़ी सी लापरवाही बहुत बड़ी घटना में बदल सकती है,” — एसपी जय यादव

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