24 न्यूज़ अपडेट बांसवाड़ा। कमलेश पिता सुखराम उम्र 24 वर्ष जाति निनामा निवासी बोझापाड़ा पं. करजी चौकी बड़ोदिया थाना कलिंजरा ने एक लिखित रिपोर्ट दी कि की 23 अक्टूबर को रात्री करीबन 1 बजे मैं अपने घर से सी.ई.टी. की परीक्षा देने के लिए टवेरा गाड़ी में बैठकर उदयपुर जाने को निकला था। मां व मेरी बहन घर के बरामदे में सोई हुई थी। मेरे घर से निकलने के बाद रात्री में किसी अज्ञात चोर ने मकान के पीछे का टिनशेड़ खोलकर घर के अंदर प्रवेश किया और तिजोरी तोड़कर तिजारी में से सोने का हार वजन 28 ग्राम व कानफूल सोने का वजन 8 ग्राम व सोने का टीका वजन 5 ग्राम व चांदी की हाकरी वजन 2.50 ग्राम व चांदी की कंदौरी वजन 300 ग्राम व चांदी के दो जुड़े वजन 300 ग्राम व चांदी का भोरिया वजन 2.50 ग्राम व चांदी की पायजब वजन 2.50 ग्राम व नकदी 426000/- रूपये रोकडा चोरी कर लिया है।घटना 24 अक्टूबर को मां व बहन को पता चली। उक्त घटना की सूचना दी।घर पर आने के बाद रकम व रुपयों को ढूंढ रहा था जो इस कारण समय पर रिपोर्ट नहीं कर सके।
रिपोर्ट पर पुलिस थाना कलिंजरा पर प्रकरण संख्या 270/2024 अन्तर्गत धारा 331 (4), 305 बीएनएस में दर्ज कर अनुसंधान प्रारम्भ किया गया। पुलिस द्वारा घटनास्थल निरीक्षण किया गया। प्रार्थी से जेवरात के बिल की फोटो कॉपी प्राप्त की गई एंव सत्यापन किया गया तो समस्त जैवरात बांसवाड़ा शराफ से खरीदना सही पाया गया। घटना के समय घर से 04 लाख 26 हजार रूपये के बारे में जानकारी की तो प्रार्थी स्वंय द्वारा धुलजी कलाल निवासी करजी से दिनांक 22.10.2024 को लाना एवं घर के अन्दर रखना बताया एवं 60 हजार रूपये पिताजी व भाई ललित द्वारा मालवा मे मजदुरी कर लाना एवं मेरे द्वारा अरमान फाईनेंस कम्पनी से 56 हजार रूपये लोन प्राप्त किया एवं घटना से 15 दिन पूर्व धुलजी कलाल से ही 01 लाख रूपये लाना बताया एवं इसमें से घरेलू कार्य होने से लगभग 40 हजार रूपये खर्च कर दिये थे। कुल राशी 4 लाख 26 हजार रूपये व जेवरात सोना / चांदी के चोरी होना बताया था। प्रार्थी कमलेश को ढाई लाख देने वालें धुलजी उर्फ धिरेन्द्र कलाल निवासी करजी से पूछताछ की तो धुलजी ने रूपयो की लेन देन करना बताया।
मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस अधीक्षक हर्षवर्धन अग्रवाला द्वारा मामले हाजा पर्दाफाश करने एंव मुल्जिमों को गिरफ्तार करने के निर्देश दिये गये। जिस पर अति. पुलिस अधीक्षक महोदय डॉ राजेश भारद्वाज वृत्ताधिकारी वृत बागीदौरा श्री संदीपसिह शक्तावत के निकटतम सुपरविजन में थाना स्तर पर एक टीम का गठन किया गया। टीम द्वारा गांव एंव आस-पास के लोगो से काफी जानकारी एकत्रित की गई तो कही से कोई सुराग नही मिला। इसके पश्चात् पुलिस द्वारा दूसरे दृष्टिकोण से मामले में छानबीन शुरू की गई। कुछ सुत्रों से ज्ञात हुआ कि प्रार्थी ऑनलाईन गेम खेलने का आदि है, जिस पर प्रार्थी को तलब कर कई बार पुछताछ की गई परन्तू प्रार्थी अपनी बात पर अडीग रहा एंव चोरी होने की बात स्वीकरता रहा। इसके पश्चात् प्रार्थी को मोबाईल जब्त कर उसकी छानबीन की गई। दौराने अनुसंधान प्रार्थी कमलेश के मोबाईल को चैक किया गया तो कमलेश द्वारा ऑनलाईन दमन गेम खेलना जिसमे माह अगस्त से घटना एव घटना के बाद तक फोन पे, गुगल पे, पर लाखो रूपयो का लेनदेन व ट्रांजेक्शन किया हुआ पाया गया। जिस पर पुलिस द्वारा प्रार्थी कमलेश से कई बार गहनता से पूछताछ की तो कमलेश टूट गया एंव चोरी नहीं होना स्वीकार किया। सघन पूछताछ में सोने का हार बागीदौरा निवासी सुरेश जैन के वहां गिरवी रखकर (90000 रूपये दिनांक 11.11.2024, 15000 रूपयें दिनांक 30.11.2024, 10000 रूपये 12.12.2024 को) कुल 1.15000 हजार प्राप्त किये। कानफूल व कन्दोरी बडोदिया निवासी राजेश जैन के वहां गिरवी रखकर दिनांक 18.11.2024 को 30000 हजार प्राप्त किये। सोने का कड़ा व टिका प्रकाश कलाल निवासी करजी के वहां गिरवी रखकर (दिनांक 05.10.2024 को 7000, दिनांक 07.10.2024 को 10000 दिनांक 12.12.2024 को 10000) कुल 27000 हजार रूपयें, चांदी के पायजेब जयदीप कलाल निवासी करजी के वहा गिरवी रखकर दिनांक 15.10.2024 को 5000 हजार रूपये प्राप्त किये। इनसे भी पूछताछ कर रिकॉर्ड प्राप्त किया गया। साकली एंव दो जुडे चांदी के स्वंय के घर पर होना पाया गया।
धूलजी पिता रामलाल कलाल निवासी करजी से पुनः अनुसंधान किया तो धूलजी कलाल ने 2.50000 लाख रूपये एंव एक लाख रूपये के बारे में बताया की प्रार्थी के पिता सुखराम द्वारा चोरी की घटना के एक दिन बाद मेरे घर पर आये तथा मुझे बताया की घुलजी सेठ आप पुलिस को मेरे द्वारा दिनांक 22.10.2024 को रूपये देना बता देना। मैंने कमलेश को कोई राशी 2.50 लाख एंव एक लाख रूपये नही दिये है। लेन-देन कि बात झूठी है। जांच के दौरान पाया कि उसके घर कोई चोरी नही हुई है एंव उसके द्वारा जुए में लगभग 8.25 लाख रूपये ऑनलाईन गेम में हार जाने के कारण गिरवे रख दिये गये थे (जिसकी डिटेल प्राप्त की गई) और भी कई छोटे-बडे करजे थे मांगने वालें से बचने के लिए उसके द्वारा घर में 4.26 लाख रूपये एंव गहने चोरी होने का झूठा मुकदमा दर्ज कराया गया। कमलेश द्वारा ही उदयपुर जाने से पूर्व अपने घर के टीनशेड़ को हटाना एंव अलमारी को लोहे के सरियें से तोड़ना स्वीकार किया गया।
प्रकरण के सम्पूर्ण अनुसंधान से पाया की प्रार्थी कमलेश द्वारा ऑनलाईन दमन गेम खेलना जिसमे माह अगस्त से घटना एव घटना के बाद तक फोन पे, गुगल पे, पर लाखो रूपयो का लेनदेन व टाजेक्शन किया हुआ पाया गया प्रार्थी स्वंय द्वारा ऑनलाईन गेम में रूपयों का हारना पाया गया, जिनसे बचने के लिए रूपयों एंव जेवरात चोरी होने का झूठा मुकदमा दर्ज कराया गया। यंहा यह भी उल्लेखनीय है, कि कमलेश के घर पर चोरी नहीं हुई इस बात से इसके घरवालें व कई रिश्तेदार जानकार थे। कुछ रिश्तेदार जेवरात गिरवी रखाने के लिए प्रार्थी के साथ भी गये थे। प्रार्थी द्वारा घर से रूपयो व जेवरात चोरी होने की स्वंय द्वारा झूठी रिपोर्ट पेश कर पुलिस एवं परिजनो को गुमराह करने की कोशिश की गई एंव कई बार पुलिस थाने पर पहुंचकर पुलिस पर कार्यवाही नही करने का आरोप लगाया। आयन्दा झूठी रिपोर्ट दर्ज कराने पर प्रार्थीगणों के विरूद्ध भारतीय न्याय संहिता की समुचित धाराओं में कानूनी कार्यवाही अमल में लायी जाएगी। पुलिस ने कानूनी कार्यवाही करते हुए कमलेश और उसके पिता सुखराम को धारा 126-170 बीएनएसएस में किया गिरफ्तार।
चोरी को मूर्त रूप देने के लिए प्रार्थी कमलेश द्वारा ही उदयपुर जाने से पूर्व अपने घर के टीनशेड़ को हटाया गया एंव अलमारी को लोहे के सरियें से तोड़ा गया। प्रार्थी कमलेश 8.25 लाख रूपये ऑनलाईन गेम में हारा।
ऑनलाइन गेम में लाखों गंवाए तो खुद के घर चोरी का खेला नाटक, झूठी रिपोर्ट दी, परिवार वाले भी थे शामिल, पुलिस की नजरों से बच नहीं पाया, पकड़ा गया, 4.26 लाख रूपये एंव जेवरात बरामद

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