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ऐसे होती हैं जांच, लापरवाही की हद, थाइलैण्ड की महिला पर गोली चलाने के आरोपी को कोर्ट से जमानत, पीड़िता के बयान महिला अधिकारी से क्यों नहीं करवाए

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24 न्यूज अपडेट उदयपुर. 22 दिन पहले थाइलैण्ड की महिला पर होटल में शराब पार्टी के दौरान गोली चलाने के चर्चित मामले में अनुसंधान अधिकारी की ओर से अनुसंधान में लापरवाही के चलते कोर्ट ने एक आरोपी को जमानत पर रिहा कर दिया है। इस मामले में अब तक पिस्टल नहीं मिली है। इसके अलावा अनुसंधान में जो पुलिस ने लापरवाही बरती है उस पर कई गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं। क्या पुलिस जांच के दौरान सामान्य नियमों का भी पालन नहीं करती है। पीड़िता के बयान महिला अधिकारी से नहीं करवाए।
आपके बता दें कि चित्रकूट नगर में होटल रत्नम के मैनेजर भावेश वैष्णव की ओर से 8 नवम्बर को गोली चलने के बाद रिपोर्ट दी गई थी। इसमें कहा गया था कि अक्षय खूबचंदानी उसके दोस्तों के साथ आया और शराब पार्टी कर रहे थे। रात डेढ़ बजे विदेशी से लडक़ी आई और अक्षय के 104 नम्बर रूम में में चली गई। यहां से सब रेस्टोरेंट में गये और वापस आकर शराब पीने लग गए। रात को करीब 3.40 बजे थाईलेण्ड से आई युवती को गोली मार दी गई। पूरे मामले में न्यायिक अभिरक्षा में आदर्श नगर भूपालपुरा के रहने वाले महिम पुत्र नंदकिशोर चौधरी ने वकील संजय गुप्ता के माध्यम से जमानत अर्जी दी। इसमें कहा गया कि मुवक्किल का एफआईआर में नाम ही नहीं है और उससे कुछ भी बरामद नहीं हुआ है। दूसरी ओर अभियोजन पक्ष के अपर लोक अभियोजक पृथ्वीराज तेली ने मामला गंभीर प्रकृति होने की बात कहते हुए जमानत प्रार्थना पत्र का विरोध किया।
अपर जिला एवं सेशन न्यायालय क्रम-4 के पीठासीन अधिकारी जितेन्द्र गोयल ने केस डायरी का अवलोकन किया तो पाया कि विदेशी युवती को जान से मारने के लिए गोली चलाने का आरोप है। प्रथम दृष्टया रिपोर्ट नामजद नहीं है। राहुल की ओर से गोली चलाना बताया गया है। पीड़िता के बयान में आरोपी का घटना में शामिल होना सिद्ध नहीं हुआ। उपयोग में ली पिस्टल बरामद नहीं हुई। मामला विदेशी महिला का है जो भारत में ई बिजनेस वीजा के तहत भ्रमण पर आई थी, उसकी साथ हत्या के प्रयास एवं लैंगिक उत्पीडऩे से सम्बन्धित है। अनुसंधान अधिकारी की ओर से पीड़िता के बयान महिला अधिकारी से करवाये जाने चाहिए थे लेकिन उनके द्वारा नहीं किए गए। जो सामग्री जब्त की गई उसमें भी त्रुटियां रखी गई। जब्तगी पर हस्ताक्षर नहीं है। अनुसंधान अधिकारी ने गैर जिम्मेदारानापूर्वक अनुसंधान किया है। इससे यह स्पष्ट होता है कि अनुसंधान अधिकारी की अस्पष्ट एवं अपारदर्शिता कार्यशैली दर्शाता है। जमानत के आदेश की एक प्रति पुलिस महानिदेशक जयपुर एवं जिला पुलिस अधीक्षक को भेजने के आदेश दिए जाते है। ंआरोपी महिम चौधरी को जमानत पर रिहा करने के आदेश दिये जाते है।ं
आपको बता दें कि युवती (24) साल की है। थाईलैंड की रहने वाली है। घटना के समय वह युवती नशे में थी और पूछताछ में सहयोग नहीं कर रही थी। चार दिन से दोस्त के साथ उदयपोल (माली कॉलोनी) स्थित होटल वीर पैलेस में ठहरी हुई थी। मामले में उदयपुर की सुखेर पुलिस ने चार आरोपियों को गिरफ्तार किया। पुलिस अधीक्षक योगेश गोयल ने बताया था कि इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्य के आधार पर पता चला, महिला एस्कॉर्ट सर्विस से जुड़ी हुई थी, जिसकी आरोपी ध्रुव नामक युवक से काफी लंबे समय से पहचान थी. ध्रुव ने उसे सुखेर थाना क्षेत्र स्थिति होटल में बुलाया था।

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