24 न्यूज अपडेट उदयपुर। उदयपुर राजस्थान के ख्यातिप्राप्त पत्रकार और आरअीआई एक्टिविस्ट इंजी. जयवंत भैरविया के इन दिनों उत्तरप्रदेश शासन में बड़े चर्चे हैं। भैरविया ने लगतार 2 साल तक उत्तरप्रदेश में चल रहे वीआईपी कल्चर पर 50 से अधिक आरटीआई लगा कर मुहिम छेड़ी वह अब रंग ला रही है। योगी सरकार ने वीआईपी कल्चर को खत्म करने का अभियान चलाया है जिसमें अब तक कई कार्रवाइयां की गई हैं। इन कार्रवाइयों में कई नेता और अफसर बेनकाब हुए हैं जो अपनी गाड़ियों पर हूटर, लाल बत्ती लगा कर घूम रहे थे और आमजन पर रौब झाड़ते हुए कानून का मजाक बना रहे थे। इस घालमेल में कई स्थानीय नेता और छुटभैये भी देखादेखी शामिल होकर मजे लूट रहे थे। किसी ने लाल बत्ती पर शासन के प्रतीक चिन्ह लगवा लिए थे तो किसी ने अपने वाहनों पर बड़े बडे अक्षरों में सरकारी रौब वाले वाक्यांश लिखवा कर हुटर लगा लिए थे।
हमेशा सामाजिक मुद्दों व आमजन के अधिकारों से जुड़े मामलों की पैरवी करने वाले जयवंत भैरविया ने 24 न्यूज उदयपुर से खास बातचीत में बताया कि उन्हें कई बार जरूरी कामों से उत्तरप्रदेश की यात्रा करनी पड़ती है। हर बार उन्होंने देखा कि सड़कों पर हर दूसरे मिलन वीआईपी वाहन दौड़ा चला जा रहा है। खास तौर पर लखनउ में तो संख्या इतनी ज्यादा थी कि वे चकित रह गए। इन वाहनों को आमजन की कोई परवाह नहीं, लाल बत्ती या पुलिस जाब्ते की परवाह नहीं थी, टोल नाकों पर रूकना इनकी शान के खिलाफ था। कई बार इनके वाहनों से लोग गिरकर चोटिल तक हो रहे थे। हुटर बजा लोगों को दहशत में भी डाल रहे थे। ऐसे में उन्होंने दो साल पहले अभियान चला कर लगातार आरटीआई लगाई। सीएम कार्यालय से लेकर केंद्र सरकार के सभी संबंधित अधिकारियों, मंत्रालयों, यूपी के मंत्रालयों में आरटीआई लगा कर पूछा कि आखिर कितने वीआईपी को ऐसा करने की परमिशन हैं, उनके खिलाफ क्या कार्रवाई की जा रही है। नंबर प्लेटों पर मनमानी सूचनाएं लगा कर आमजन पर रौब किसकी शह पर डाला जा रहा है। भैरविया ने बताया कि प्राप्त जानकारियों व प्रश्नो ंको लगातार ट्विटर व अन्य सोशल मीडिया पर टैग कर अभियान चलाया जिसका असर हुआ है व अब रोज ऐसे कई वीडिया व खबरे ंसामने आ रही हैं कि यूपी शासन की ओर से सख्त कार्रवाई की जा रही है। हाल ही में कई रूतबे वालों का रूआब बीच रास्ते में ही ऑन कैमरा उतारा गया है। उन्होंने इसके लिए यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ का धन्यवाद कहा है।
भैरविया ने बताया कि सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय भारत सरकार द्वारा दिनाँक 23 जून 2017 को निकाली गई अधिसूचना में भाग स-स खण्ड 3 व उपखंड 1 के बिंदु संख्या 36 के अनुसार रजिस्ट्रीकृत प्लेटो पर रजिस्ट्रेशन नम्बर के अतिरिक्त कोई भी अक्षर ,शब्द , आकृति, चित्र या प्रतीक चिन्ह गढ़े अथवा लिखें नही जा सकते, बावजूद इसके उत्तर प्रदेश में प्रशासनिक अधिकारियों / सरकारी कार्मिकों, छुटभैया नेताओ, पूर्व विधायकों, पूर्व सांसदों, असामाजिक तत्वों द्वारा अपने निजी व सरकारी वाहनों की रजिस्ट्रेशन प्लेट पर लाल पट्टी का स्टिकर लगवाया जा रहा है। नम्बर प्लेट के साथ एक अतिरिक्त प्लेट लगाकर पदसूचक नाम लिखे जा रहे है, वाहनों की नम्बर प्लेट एवं बॉडी पर उत्तर प्रदेश सरकार / उत्तरप्रदेश शासन / भारत सरकार लिखवाया जा रहा है जो गजट नोटिफिकेशन के अनुसार गैर कानूनी है, यदि आपके विभाग / उत्तर प्रदेश सरकार /मंत्रालय द्वारा इस तरह की अवैध गतिविधियों पर कोई भी कार्यवाही की गई हो तो सत्यापित सूचना प्रदान करने की जानकारी मांगी गई।
(2) उत्तर प्रदेश में पूर्व एवं वर्तमान विधायकां , पूर्व एवं वर्तमान सांसदों, राजकीय कर्मचारियों, अधिकारियों, छुटभैया नेताओ द्वारा गैर कानूनी ढंग से अपने निजी व सरकारी वाहनों के अंदर हूटर सायरन लगवाए जा रहे है, वाहनों की छत पर लाल नीली बत्ती लगाई जा रही है इसके साथ ही उनके द्वारा अपच कल्चर को बढ़ावा देकर आम जनता को परेशान किया जा रहा है, यदि आपके विभाग / उत्तर प्रदेश सरकार / मंत्रालय द्वारा आज दिनाँक तक इस प्रकार के अवैध औऱ गैर कानूनी कृत्यों पर कोई भी कार्यवाही की गई हो तो सम्पूर्ण सत्यापित सूचना मांगी गई।
(3) उत्तर प्रदेश के उन सभी आईएस, पीसीएस आदि अधिकारियों के नाम व पदनाम की सूचना मांगी जो अपने वाहनों पर लाल नीली बत्ती लगाने का एवं वाहनों की नम्बर प्लेट पर लाल पट्टी लगाने व उत्तर प्रदेश लिखने का अधिकार व शक्तिया रखते हैं।
(4) उत्तर प्रदेश के वन विभाग के उन अधिकारियों के नाम व पदनाम की सूचना मांगी जो अपने वाहनों पर लाल नीली बत्ती लगाने का एवं वाहनों की नम्बर प्लेट पर लाल पट्टी लगाने व उत्तर प्रदेश लिखने का अधिकार व शक्तिया रखते हैं।
(5) उत्तर प्रदेश के उन सभी नेताओं के नाम व पदनाम की सूचना मांगी जो अपने वाहनों पर लाल नीली बत्ती लगाने का एवं वाहनों की नम्बर प्लेट पर लाल पट्टी लगाने व उत्तर प्रदेश शासन लिखने का अधिकार व शक्तिया रखते हैं।
उदयपुर के पत्रकार और एक्टिविस्ट जयवंत भैरविया की आरटीआई पर योगी सरकार एक्शन में, वीआईपी कल्चर पर बोला धावा

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