24 न्यूज अपडेट उदयपुर। राजस्थान लोक सेवा आयोग पर राजस्थान के विद्यार्थियों का भरोसा पूरी तरह से खत्म हो चुका है। पहले बाबूलाल कटारा और उसके बाद रामूराम रायका जैसे आरपीएससी के सदस्यों का पेपर आउट व नकल में पकड़ा जाना सबित कर रहा है कि पूरी दाल ही काली है। दलाल और भ्रष्ट लोग सिस्टम में ही नहीं है बल्कि उपर तक बैठे हुए मजे कर रहे हैं। वे जब चाहे पेपर आउट कर लेते हैं, ये खेल बरसों से चल रहा है। ना जाने कितने फर्जी अफसर और कर्मचारी हमारे सिस्टम को गंदा कर रहे हैं। लेकिन हर बार पेपर लीक का खामियाजा मेहनतकश, गरीब आम स्टूडेंट को भुगतना पड़ता है। परीक्षा कैंसिल हो जाती है तो डबल किराया लगाकर, डबल तैयारी करके एग्जाम देने का झमेला तो पहले आम था मगर अब नए-नए नियम लागू किए जा रहे हैं। आरपीएससी खुद अपने अंदर सुधार नहीं कर पा रही है व ठीकरा स्टूडेंट के सिर फोड रही है। इसमें मिलीभगत उपर के अफसरों की भी है जो गहन निष्पक्ष जांच की बजाय नए नियम ला रहे है। अब नया नियम आ गया है जिसकी वजह से 50 लाख स्टूडेंट पर असर पड़ने वाला है। आरपीएससी ने एग्जाम के लिए होने वाली वन टाइम रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया में बदलाव किया है। अब सभी स्टूडेंट को लाइव फोटो कैप्चर कराना होगा वो भी वेब कैम से। आरपीएसी का दावा है कि आयोग ने ये बदलाव डमी कैंडिडेट और फोटो टेंपरिंग कर आवेदन करने वाले कैंडिडेट्स पर लगाम लगाने के लिए किया है। ये लोग मुट्ठीभर हैं मगर खामियाजा सबको भुगतना पड रहा है। अब वैब कैम से फोटो कैप्चर के नाम पर खुल्ली लूट मचाई जानी तय है। जब सरकार के पास दुनियाभर का डेटा है व स्टूडेंट को आसानी से ट्रेक किया जा सकता है तो फिर ये नया चोंचला आखिर क्यों? बताया गया है कि यदि पहले से अपलोड की गई फोटो साफ नहीं है तो फिर से ये प्रोसेस करना होगा। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का प्रयोग भी होने जा रहा है। योग के सचिव रामनिवास मेहता कहते हैं कि वीडियोग्राफी में उपस्थित अभ्यर्थी का मिलान ओटीआर में कैप्चर की गई फोटो से किया जाएगा। आवेदन के समय कैंडिडेट्स को फोटो लगाने की जरूरत नहीं पडे़गी, फोटो ओटीआर के बाद स्वतः ही आवेदन में अपलोड होगी। इसके लिस आवेदन के समय 5 सेकंड के टाइमर के बाद पलक दो-तीन बार झपकानी होगी। यदि फोटो बंद आंखों के साथ कैप्चर हो तो फोटो पुनः कैप्चर करनी होगी। अभ्यर्थी को सीधा कैमरे की तरफ देखना होगा। चश्मे का इस्तेमाल करता है तो फोटो चश्मे के साथ ही कैप्चर करानी होगी। चश्मे के ग्लास पर लाइट का फोकस के कारण फोटो अस्पष्ट अथवा चमक के साथ कैप्चर न हो। फोटो साफ तथा सुस्पष्ट बैकग्राउंड के साथ हो। धुंधली या अंधकारमय फोटो मान्य नहीं होगी। याने ऐसा लग रहा है कि विद्यार्थी को पूरा फोटोग्राफी का कोर्स करके आना होगा। जबकि सरकार चाहती तो इसे लागू करने से पहले सभी ई-मित्र केंद्रों पर निःशुल्क व्यवस्था करवा कर सारे विद्यार्थियों की फोटो को अपलोड करवा देती। उसके बाद जब भी फार्म भरे जाते, वही डेटा काम में आ जाता। मगर वातानुकूलित कमरों में बैठे अफसरों के यह बात पल्ले नहीं पड़ने वाली है। इसके लिए आपाधाभी भी मचेगी व फोटो संबंधी पूरी त्रुटि का ब्लैम छात्र पर आ जाएगा फिर चाहे वह ई मित्र या अन्य किसी वेब सेवा देने वालों से हुआ हो।
आरपीएससी : नकल इनसे रूक नहीं रही, असली गुनहगार कर रहे मजे,,,,स्टूडेट पर लाद रहे नए-नए चोंचले, अब वेब कैमरा से लाइव फोटो कैप्चर करना जरूरी, परेशान होंगे 50 लाख विद्यार्थी, करनी होगी जेबें ढीली

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