24 न्यूज अपडेट. पार्लियामेंट रिपोर्टर। बजट सत्र के पांचवें दिन अमेरिकी डिपोर्टेशन मुद्दे पर संसद में हंगामा हो गयां विपक्ष ने ’सरकार शर्म करो’ के नारे लगाए। लोकसभा की कार्यवाही दो बार स्थगित (पहले दोपहर 12 बजे तक, फिर दोपहर 2 बजे तक) हो गई। विदेश मंत्री एस जयशंकर का बयान दोपहर 2 बजे राज्यसभा में अपेक्षित है। सदन के बाहर विपक्षी सांसदों का प्रदर्शन हुआ। कांग्रेस सांसदों ने हथकड़ियां पहनकर विरोध जताया। पोस्टरों पर लिखाः “बेड़ियों में हिंदुस्तान, नहीं सहेंगे ये अपमान“, इसे मानवाधिकारों का उल्लंघन बताया। शशि थरूर ने 24 न्यूज अपडेट से कहा कि यह पहली बार नहीं है जब भारतीयों को डिपोर्ट किया गया। बाइडेन प्रशासन के तहत भी 1100 से अधिक भारतीय डिपोर्ट हुए। अमेरिका को अवैध प्रवासियों को वापस भेजने का अधिकार है। भारत का दायित्व है कि वह अपनी पहचान वाले नागरिकों को स्वीकार करे। हथकड़ियों का इस्तेमाल अनावश्यक; कमर्शियल फ्लाइट से वापसी बेहतर होती। सत्तापक्ष ने विपक्ष पर लोकतंत्र और मंच का दुरुपयोग करने का आरोप लगाया। लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने कहा कि सरकार इस मामले से अवगत है।इसे विदेश नीति का मुद्दा बताया गया। भारतीय नागरिकों के साथ अमानवीय व्यवहार (हथकड़ियों का उपयोग), डिपोर्टेशन प्रक्रिया की पारदर्शिता और मानवीय पहलू, विदेश नीति में भारत की स्थिति और कूटनीतिक प्रतिक्रिया, प्रवासी भारतीयों के अधिकारों का संरक्षण पर चिंता जताई गई है। विदेश मंत्री जयशंकर ने अमेरिका द्वारा भारतीयों के अमानवीय व्यवहार की कड़ी निंदा की। बताया जा रहा है कि इससे भारत-अमेरिका द्विपक्षीय संबंध में खटास आ सकती है। प्रवासी भारतीय समुदाय की सुरक्षा और सम्मान का सवाल, मानवाधिकार मुद्दे पर भारत की वैश्विक छवि का सवाल भी है। विदेश मंत्री के बयान के बाद सरकार की रणनीति स्पष्ट होगी। भारत द्वारा अमेरिका के समक्ष विरोध दर्ज करने की संभावना है। संसद में इस मुद्दे पर और तीखी बहस की संभावना है।
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