24 न्यूज अपडेट. डूंगरपुर। एसीबी ने डूंगरपुर में एक हेडकांस्टेबल को ट्रेप कर लिया। हेडकांस्टेबल जांच बंद करने के नाम पर परिवादी से रिश्वत मांग रहा था। एसीबी ने सत्यापन के बाद जांच बिछाया और परिवादी को 7 हजार की रिश्वत के साथ भेजा। आरोपी को मौके पर ही गिरफ्तार कर लिया गया। एसीबी ने चौरासी थाने के हेडकांस्टेबल कारुलाल यादव को 7 हजार की रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार किया है। आरोपी हेडकांस्टेबल ने लड़की को भगा ले जाने व छेड़छाड़ मामले में राजीनामा होने के बाद जांच बंद करने के बदले रिश्वत मांगी थी। हेड कांस्टबेल ने थाने में ही परिवादी को बुला लिया। वहीं पर नोट गिनने शुरू कर दिए। नोटों की गिनती खत्म होती उससे पहले ही हाथ पर रंग चढ़ गया और एसीबी उपाधीक्षक रतनसिंह के नेतृत्व में हेड कांस्टेबल दबोच लिया गया। डूंगरपुर एसीबी चौकी के उपाधीक्षक रतनसिंह राजपुरोहित ने बताया कि 4 जुलाई को परिवादी ने चौकी में परिवाद दिया था। आरोप लगाया था कि लड़की को भगा ले जाने और छेड़छाड़ के मामले के परिवाद में ठोस कार्रवाई करने के नाम पर चौरासी थाने का हेड कांस्टबेल कारूलाल यादव 10 हजार रुपए की डिमांड कर रहा था। इस शिकायत परएसीबी ने जाल बिछाया, सत्यापन करवाया, लेकिन सत्यापन के समय एएसआई जाल में नहीं आया। इस बीच दोनों पार्टियों में राजीनामा हो गया। लेकिन उसके बाद हैड कांस्टेबल का खेल शुरू हो गया। कारूलाल जांच को बंद करने की एवज में रिश्वत की मांग करने लगा। परिवादी ने 16 जुलाई को फिर से एसीबी में शिकायत की। इस बार शिकायत के बाद एसीबी ने सत्यापन करवाया। सत्यापन में 7 हजार की राशि तय होने की पुष्टि हो गई। बुधवार को रिश्वत का मुहूर्त निकल गया और उसके साथ ही आरोपी कारूलाल के जेल जाने का भी मुहूर्त निकल गया। चौरासी थाने में ही 7 हजार की रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार किया। इस कार्रवाई से गंभीर सवाल खडे हो गए हैं कि आखिर हैड कांस्टेबल में वो कॉन्फिडेंस कहां से आया कि वह थाने में ही बैठकर आराम से रिश्वत ले रहा था। क्या इससे पहले भी उसने ऐसा किया होगा व क्या ऐसा तो नहीं है कि यह पूरे थाने का ही दस्तूर है। यह जांच का विषय है।
Discover more from 24 News Update
Subscribe to get the latest posts sent to your email.