24 न्यूज अपडेट. आयोध्या। अयोध्या में रामलला मंदिर के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास का 80 वर्ष की उम्र में निधन हो गया। उन्होंने बुधवार सुबह 7 बजे लखनऊ में अंतिम सांस ली। 3 फरवरी को ब्रेन हेमरेज होने के बाद उन्हें अयोध्या से लखनऊ रेफर किया गया था। उनका पार्थिव शरीर अयोध्या लाया जाएगा और सत्य धाम गोपाल मंदिर में अंतिम दर्शन के लिए रखा जाएगा। सत्येंद्र दास 32 वर्षों से राम जन्मभूमि के मुख्य पुजारी थे। 6 दिसंबर 1992 को बाबरी विध्वंस के समय वे रामलला को गोद में लेकर सुरक्षित स्थान पर ले गए थे।
जीवन परिचय
सत्येंद्र दास का जन्म 20 मई 1945 को संत कबीरनगर जिले में हुआ था। वे बचपन से ही भक्ति भाव में रुचि रखते थे और अपने पिता के साथ अयोध्या आते थे। यहां वे संत अभिराम दास जी के आश्रम से जुड़े, जिन्होंने 1949 में राम जन्मभूमि में मूर्तियों के प्रकट होने का दावा किया था। इससे प्रभावित होकर सत्येंद्र दास ने 1958 में संन्यास ले लिया। उन्होंने संस्कृत की शिक्षा ग्रहण की और 1976 में अयोध्या के संस्कृत महाविद्यालय में व्याकरण विभाग में सहायक शिक्षक बने। इस दौरान वे राम जन्मभूमि में भी सेवा देते रहे।
राम मंदिर से जुड़ाव
1992 में रामलला के पुजारी लालदास को हटाने के बाद 1 मार्च 1992 को सत्येंद्र दास को मुख्य पुजारी नियुक्त किया गया। उन्हें चार सहायक पुजारी रखने का अधिकार मिला, जिनमें संतोष तिवारी भी शामिल थे। 6 दिसंबर 1992 को जब बाबरी मस्जिद का ढांचा गिरने लगा, तो उन्होंने रामलला, भरत और शत्रुघ्न की मूर्तियों को गोद में उठाया और सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया। इसके बाद रामलला को टेंट में रखा गया और अब वे भव्य मंदिर में विराजमान हैं।
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