24 न्यूज अपडेट. अलवर। अलवर के मूंगस्का में गुरु गोविंद सिंह कॉलोनी निवासी केवल 10 साल का नन्हा रोहित और उसका बड़ा भाई आज मां की अस्थियां लेने आया तो फिर से हर किसी की आंख भर आई। 10 साल का रोहित पिछले तीन दिनों से खबरों में बना हुआ है और देशभर से उसकी मदद को हाथ उठे हैं। मां की मौत से पहले दो दिन और रात वह मुर्दाघर के बाहर बैठा रहा। उसके भाई के आने के बाद मोहल्ले के लोगों ने 10, 20, 50 और 100 रुपए इकट्ठा कर मां का अंतिम संस्कार करवाया। गत 17 अप्रैल को मां की मौत हो गई थी, 19 अप्रैल को उनका अंतिम संस्कार किया गया। इसके बाद रोहित को शिशु गृह में रखवाया गया। अब वहां से लौट कर बड़े भाई के साथ श्मशान से मां की अस्थियां लेने आया था। अत्यधिक निर्धन परिवार की इस दारूण दास्तां को जिस किसी ने सुना उसका मन पसीज गया। केवल 10 साल का बच्चा अस्पताल में रोते हुए बार-बार कह रहा था कि उसकी मां मर चुकी है, इस दुनिया में उसकी मदद करने वाला कोई नहीं है। कोई शव लेने वाला नहीं है। अकेला रोहित दो दिन मुर्दाघर व अस्पताल में भी घूमता रहा। उसके बाद उसने मां का जैसे-तैसे करके अंतिम संस्कार कर दिया। रोहित की मां की मौत से 20 दिन पहले से घर में खाना नहीं बना था। पडा़ैसियों के घर से जो आ गया उसे खाकर ही जिंदा थे। अस्पताल में 10 साल का रोहत 9 दिन तक मां के पास रहा, उनकी तीमारदारी करता रहा। आखिर में मां ने उसके सामने ही दम तोड़ दिया तो उसके सामने बडी परेशानी आ गई कि अपनी मां का अंतिम संस्कार आखिर कैसे करे। घर पर बड़ा भाई था मगर उसे भी कोई सूचना नहीं थी। तीन दिन बाद बडा भाई आया तब मां का अंतिम संस्कार हुआ। इस दर्द भरी कहानी को सुनकर लोगों की आंखें भर आई। अलवर नगर निगम के पूर्व कमिश्रनर रहे मनीष फौजदार ने 10 हजार रुपए भिजवाए। इसके बाद नगर निगम के कर्मचारी ने सोमवार को रोहित के घर जाकर 10 हजार रुपए की सहायता दी है। बहरोड़ के पूर्व एमएलए बलजीत यादव को जब पता चला तो वे जयपुर से रोहित के घर अलवर पहुंचे। नवादा बाल गृह में रोहित से मिले। घर के दयनीय हालात देख अचंभित रह गए। बलजीत ने परिवार को 1 लाख रुपए देने और बड़े बेटे को खुद की होटल में नौकरी देने और छोटे बेटे रोहित को खुद की ओर से पढाई कराने का निर्णय किया। इसके बाद मदद करने वालों का तांता लगा है। जयपुर, अजमेर, ब्यावर, बिहार, दिल्ली सहित कई जगहों से सीधी मदद करने वाले आ रहे है। अब व्यापार संघ के प्रतिनिधि रवि जुनेजा राशन लेकर पहुंचे, बच्चों की नई पोशाकें पहुंचाई। मकान मालिक को किराया भी देने का आग्रह किया। पूर्व पार्षद सुरजीत भमलोत भी बच्चों की सीधे तौर पर मदद करने में लगे हैं। बेटे का बैंक में खाता खुलवाने में लगे हैं
मार्मिक खबर : मां की अस्थियां लेने आया 10 साल का रोहित, पूर्व एमएलए ने दिए 1 लाख, मदद को आगे आए लोग

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