24 न्यूज अपडेट.उदयपुर। उदयपुर के प्रतापनगर चौराहे से महिला के अपहरण और चलती कार में गैंगरेप की कहानी पूरी तरह मनगढ़ंत निकली। जांच में सामने आया कि महिला न तो किसी कार में बैठी थी, न ही उसका अपहरण हुआ और न ही कोई दुष्कर्म हुआ। चलती कार में गैंगरेप की घटना के एक दिन बाद ही चौंकाने वाली बातें सामने आ गईं। पुलिस की मानें तो महिला झूठ बोल रही है। प्रतापनगर चौराहे पर अपहरण भी बनाई हुई कहानी निकली। महिला ने पुलिस को बताया था कि वह नषे में थी इसलिए यह सब कह दिया। उसका घर पर झगड़ा हुआ था व बाहर निकल गई थी। इस मामले में पुलिस ने प्रतापनगर चौराहे से लेकर देबारी और आगे के सभी सीसीटीवी फुटेज खंगाले। लेकिन, फुटेज में महिला की मौजूदगी या कार से लिफ्ट लेने की पुष्टि नहीं हुई। महिला के गांव के सीसीटीवी फुटेज में वह रात 11ः30 बजे तक अपने गांव में ही थ
| घटना का दावा | पुलिस जांच में सच्चाई |
|---|---|
| प्रतापनगर चौराहे से महिला ने लिफ्ट ली | महिला वहां मौजूद ही नहीं थी |
| कार में चार युवक थे, जिन्होंने अपहरण किया | किसी कार की पुष्टि नहीं हुई |
| चलती कार में गैंगरेप हुआ | घटना पूरी तरह झूठी निकली |
| महिला रात 9:30 बजे प्रतापनगर पर थी | सीसीटीवी फुटेज में महिला 11:30 बजे तक गांव में दिखी |
कैसे खुला झूठ का पर्दाफाश?
- सीसीटीवी फुटेज: पुलिस ने चौराहे और गांव के कैमरे चेक किए, महिला कहीं भी कार में बैठती नहीं दिखी।
- गांव के फुटेज: महिला रात 11:30 बजे तक अपने गांव में थी, जबकि उसने 9:30 बजे चौराहे पर होने का दावा किया था।
- चोटों का कारण: घरेलू मारपीट से चोटें आई थीं, गैंगरेप जैसा कुछ नहीं हुआ।
- महिला का कबूलनामा: बाद में महिला ने खुद माना कि नशे में और घरेलू विवाद से परेशान होकर झूठी कहानी गढ़ी।
इस झूठ का असर:
✔ पुलिस का 4 दिन का समय बर्बाद (11-15 फरवरी तक जांच चली)।
✔ शहर की छवि को नुकसान (पर्यटन स्थल के रूप में उदयपुर की बदनामी)।
✔ प्रशासन के संसाधनों की बर्बादी (ग़लत दिशा में जांच करने से असली मामलों पर असर पड़ा)।
क्या होगा आगे?
👉 पुलिस अब महिला पर झूठी रिपोर्ट दर्ज कराने के लिए कानूनी कार्रवाई करने पर विचार कर रही है।
👉 फर्जी मामलों पर सख्ती बढ़ाई जाएगी, ताकि भविष्य में ऐसा दोबारा न हो।
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