24 न्यूज अपडेट उदयपुर। भारत आदिवासी पार्टी के नेता और बांसवाड़ा-डूंगरपुर सांसद राजकुमार रोत ने राज्य की भाजपा सरकार पर हमला बोला है। उन्होंने मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा और जनजाति मंत्री बाबूलाल खराड़ी का नाम लेकर कहा कि इन्होंने आदिवासी क्षेत्र ही नहीं राजस्थान का बंटाधार किया है। रोत ने कहा कि आदिवासियों के कल्याण के लिए 1500 करोड़ का बजट रखा लेकिन एक रुपया खर्च नहीं किया और अब नया बजट पढ़ने वाले है। रोत ने आज बाप नेताओं और कार्यकर्ताओं के साथ उदयपुर में रैली निकालकर सहेली मार्ग स्थित जनजाति आयुक्त को ज्ञापन देकर अपनी मांगों को रखा। उन्होंने कहा- राज्य की भाजपा सरकार आदिवासी क्षेत्र के विकास को लेकर राजस्थान को 25 साल पीछे ले जाने का काम कर रही है।
ज्ञापन देने के बाद मीडिया से बातचीत में राजकुमार रोत ने कहा- एक गंभीर विषय अनुसूचित जनजाति के विकास और उद्धार के लिए पिछले बजट में राज्य सरकार ने 1500 करोड़ की घोषणा की और अब नया बजट इसी 19 फरवरी आ रहा है लेकिन दुर्भाग्य की बात है कि टीएडी मंत्री बाबूलाल खराड़ी की सोच और कार्यशैली की वजह से उस बजट का एक रुपया खर्चा नहीं हुआ है। रोत का मानना है कि शायद अब तक के इतिहास में एक रुपया खर्च नहीं होना पहली बार हुआ है, लगता है कि 1500 करोड़ रुपए के भ्रष्टाचार के भेंट चढ़ाने की दिमाग में है। बोले खराड़ी की ट्राइबल एरिया के विकास के लिए क्या सोच है यह तो वहीं जाने। रोत ने कहा- आदिवासी बहुल इलाके में मां बाड़ी केंद्रों में जो शिक्षक लगे उनको पेमेंट नहीं मिला है। छात्रावासों में आदिवासियों को भौतिक सुविधा नहीं मिल रही, कार्मिकों को भुगतान नहीं हो रहा है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में डबल इंजन सरकार की बात करते लेकिन पता नहीं दोनों इंजन दोनों तरफ खींच रहे है उस वजह से आदिवासी अंचल को 25 साल पीछे ले जाने का काम किया है। रोत बोले कि अमृत काल की बात करते नरेंद्र मोदी लेकिन राजस्थान में भजनलाल और बाबूलाल ने राजस्थान का बंटाधार कर दिया हैं।
धरियावद विधायक थावरचंद डामोर ने कहा कि पूर्व की कांग्रेस सरकार में जनजाति के विकास के लिए 500 करोड़ रुपए का बजट हर साल दिया जा रहा था। गहलोत सरकार ने अंतिम समय पर बढ़ाकर एक हजार करोड़ रुपए कर दिए थे। हमे लगा था कि भाजपा की सरकार आई है तो आदिवासियों के उत्थान के लिए बेहतर सोच रखेगी।
इस दौरान प्रदेश प्रवक्ता अरविंद कोटेड ने कहा- जो राजस्थान की विधानसभा में जो बजट पढ़ा उसमें 1500 करोड़ की बात कही थी तब हमे लगा कि यह सरकार आदिवासियों के लिए बेहतर काम करेगी लेकिन यह साल निकलने वाला है और आगामी 19 फरवरी को राज्य बजट भी पढ़ा जाएगा और उसमें आदिवासियों के साथ में एक झूठ बोला जाएगा। उन्होंने कहा कि 1500 करोड़ का बजट अभी तक धरातल पर नहीं उतरा है। इससे पहले कोर्ट चौराहा से रैली के रूप में बाप के कार्यकर्ता जनजाति आयुक्त कार्यालय पहुंचे। कैंपस के अंदर नारेबाजी की और आदिवासियों के बजट के लिए अपनी बात रखी। रावत ने भी नारे लगाए।
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