24 News Update जयपुर | राजस्थान के जैसलमेर जिले से एक चौंकाने वाला जासूसी प्रकरण सामने आया है। राजस्थान इंटेलिजेंस की कार्रवाई में पकड़ा गया सरकारी कर्मचारी शकूर खान पिछले 15 वर्षों में सात बार पाकिस्तान की यात्रा कर चुका था और लगभग 60 दिनों तक वहां रह चुका है। सूत्रों के अनुसार, वह पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI से सीधे संपर्क में था और वॉट्सऐप के माध्यम से संवेदनशील जानकारियाँ, लोकेशन और नाम भेजता था।
मोबाइल से पुष्टि, पाकिस्तान हाई कमीशन के अधिकारियों से चैटिंग
राजस्थान इंटेलिजेंस को शकूर के मोबाइल से कई पाकिस्तान एम्बेसी अधिकारियों के नंबर, वॉट्सऐप चैट्स और संदिग्ध सामग्री प्राप्त हुई है। एजेंसियों का दावा है कि शकूर ISI से जुड़े कई लोगों के साथ निरंतर संपर्क में था। वॉट्सऐप पर कुछ संदेशों में भारतीय स्थलों की लाइव लोकेशन, सरकारी गतिविधियों से जुड़े नाम और संवेदनशील सूचनाएं भेजी गई थीं।
ISI एजेंट दानिश से संपर्क में था शकूर
जांच में यह भी सामने आया कि शकूर भारत में पाकिस्तान हाई कमीशन के अफसर रहे एहसान-उर-रहीम उर्फ दानिश के संपर्क में था। उल्लेखनीय है कि हरियाणा की यूट्यूबर ज्योति मल्होत्रा भी इसी दानिश के संपर्क में पाई गई थी। यह समानता एजेंसियों के लिए चिंता का विषय बन गई है, जिससे स्पष्ट होता है कि एक सुनियोजित नेटवर्क भारत में सक्रिय है।
10 जून तक रिमांड, कई एजेंसियां पूछताछ में जुटी
शकूर को 28 मई को डिटेन करने के बाद कोर्ट में पेश कर 10 जून तक की रिमांड पर लिया गया है। अब तक 5 से अधिक खुफिया और सुरक्षा एजेंसियां शकूर से पूछताछ कर चुकी हैं। पूछताछ में उसके विदेशी संपर्क, वित्तीय लेन-देन और यात्रा इतिहास को खंगाला जा रहा है।
संपत्तियां, बैंक खाते और पासपोर्ट की जांच शुरू
एजेंसियों ने शकूर और उसके परिजनों के सभी बैंक खातों, पासपोर्ट डेटा और संपत्तियों की जांच शुरू कर दी है। जैसलमेर स्थित रोजगार कार्यालय से उसका सेवा रिकॉर्ड भी मंगवाया गया है। जानकारी मिली है कि वह वर्ष 2000 में चपरासी के पद पर नियुक्त हुआ था और बाद में प्रमोशन के जरिए AAO (Assistant Administrative Officer) बना।
राजनीतिक संबंध भी जांच के दायरे में
खास बात यह है कि शकूर 2008 से 2013 तक कांग्रेस नेता और पूर्व मंत्री सालेह मोहम्मद का निजी सहायक (PA) रहा। उस समय सालेह मोहम्मद पोकरण से विधायक थे। अब यह जांच हो रही है कि शकूर को इस पद पर किसने और कैसे नियुक्त किया, और क्या इसी दौरान उसका नेटवर्क मजबूत हुआ।
विदेश यात्रा की अनुमति कैसे मिली? एजेंसियों के लिए बड़ा सवाल
एक चपरासी से AAO बनने वाले शकूर को 15 वर्षों में सात बार पाकिस्तान जाने की अनुमति किसने दी, यह एक बड़ा सवाल है। पासपोर्ट कार्यालय से इस संबंध में विशेष जानकारी मांगी गई है। साथ ही, उसकी हर विदेश यात्रा, छुट्टी आवेदन और रिपोर्टिंग अधिकारियों की भूमिका भी जांच के घेरे में है।
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