24 न्यूज अपडेट निम्बाहेड़ा। राजस्थान के 16 वीं विधानसभा के बजट सत्र के दौरान सोमवार को पूर्व स्वायत्त शासन मंत्री एवं निम्बाहेड़ा विधायक श्रीचंद कृपलानी ने राजस्थान विधानसभा प्रक्रिया एवं कार्य संचालन के नियमों के नियम 295 के तहत विशेष उल्लेख प्रस्ताव के द्वारा आरजीएचएस योजना में सहकारी संस्थाओं का भुगतान नहीं होने के कारण उत्पन्न हो रहे वित्तीय संकट की स्थिति से सदन को अवगत करवाया।
विधानसभा में विधायक कृपलानी ने सदन को अवगत करवाते हुए बताया कि आरजीएचएस योजना से पूर्व राजस्थान में आरपीएमएफ योजना लागू थी, जिसमें राज्य सरकार के पेंशनरों इस योजना में शामिल थी। इसके अन्तर्गत राज्य के सभी पेंशनर्स राज्य की सभी सहकारी संस्थाओं द्वारा दवा लेने के लिए प्रतिबंधित थे।
कृपलानी ने बताया कि पेंशनर्स को सहकारी संस्थाओं द्वारा दवाइयों का स्टॉक नहीं होने पर भी संस्था द्वारा उक्त पेंशनर्स को एनओसी जारी की जाती थी तथा पेंशनर्स उक्त एनओसी के द्वारा बाजार से दवा खरीद कर कोष कार्यालय में पुनरूभरण हेतु बिल प्रस्तुत किया करते थे, जिसे कोष कार्यालय द्वारा पेंशनर्स एवं सहकारी संस्थाओं के बिल पुनरूभरण के लिए दिये जाते थे। उन बिलों का पुनरूभरण कोष कार्यालय द्वारा समय पर किया जाता था, जिससे सहकारी संस्थाओं को फण्ड की समस्या नहीं आती थी।
विधायक कृपलानी ने कहा कि तत्कालीन कांग्रेस की राज्य सरकार ने नवम्बर 2021 से आरजीएचएस (राजस्थान गवर्नमेंट हेल्थ स्कीम) योजना चालू की और उसकी गाइडलाइन जारी की। जिस कारण सहकारी संस्थाएं आर्थिक संकट में आ गयी है। आरजीएचएस योजना के अन्तर्गत नवम्बर 2021 से अगस्त 2023 के बीच सभी सहकारी संस्थाओं के लगभग 120 करोड़ रुपये बाकि चल रहें है।
विधायक कृपलानी ने सदन को अवगत करवाया कि सहकारी संस्थाओं का भुगतान नहीं होने के कारण संस्थाएं बैंक से ऋण लेकर खरीद का भुगतान कर रही है, जिससे संस्थाओं को अनावश्यक ब्याज देना पड़ रहा है तथा सहकारी संस्थाओं की वित्तीय स्थिति खराब हो रही है। कृपलानी ने सदन के माध्यम से सरकार का ध्यान आकर्षित कर उक्त विषय पर गंभीरता से विचार करते हुए सहकारी संस्थाओं को मजबूत करने के लिए उनका भुगतान समय पर करने के साथ ही पूर्व में बकाया राशि का भुगतान भी करने का आग्रह किया।
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