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महिला कर्मचारियों ने वीसी पर लगाए गंभीर आरोप, वीसी बोलीं-मेरे आवास पर किसी ने नहीं दी सेवाएं, पहले प्रूफ दो, फिर बात करो!!!!

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24 न्यूज अपडेट, उदयपुर। मोहनलाल सुखाड़िया विश्वविद्यालय के एसएफएबी कर्मचारियों का धरना लगातार छठे दिन भी जारी रहा। कर्मचारियों ने सुबह विरोध प्रदर्शन किया व प्रशासनिक भवन के बाहर धरने पर बैठे। इस दौरान दो महिला कर्मचारियों ने सभी कर्मचारियों के सामने अपना पक्ष रखते हुए अपनी वेदना सुनाई व वीसी पर आरोप लगाए तो कर्मचारियों में आक्रोष फैल गया। इस बीच छात्रसंघ चुनाव सहित अन्य मांगों को लेकर प्रदर्शन करने आए एनएसयूआई के कार्यकर्ताओं ने भी कर्मचारियों की मांगों का समर्थन किया। करीब 300 कर्मचारी व 200 छात्रों ने इकट्ठा होकर प्रशासनिक भवन से लगाकर प्रतापनगर थाने तक नारेबाजी करते हुए वीसी की शवयात्रा निकाली। प्रतापनगर थाने में दो महिला कर्मचारियों ने वीसी के खिलाफ परिवाद देते हुए कई गंभीर आरोप लगाए। इनमें से एक मामला एसटीएससी वर्ग की महिला को प्रताड़िताल करने का है। एक कर्मचारी ने कहा कि उनकी नियुक्ति सेंट्रल लाइब्रेरी में है लेकिन कुछ शिक्षकों के दबाव में उन्हें वीसी के आवास पर सेवाएं देने को कहा गया। वीसी आवास उन्होंने सेवाएं दीं व इस दौरान उनके साथ अभद्रता की गई। जातिगत व अभद्र शब्दों का प्रयोग भी किया गया। इसका उल्लेख उन्होंने परिवाद में किया है। एक अन्य कर्मचारी ने मारपीट का आरोप लगाते हुए परिवाद दिया। थाने में नारेबाजी व परिवाद देने के बाद कर्मचारी पुतले के साथ फिर प्रशासनिक भवन लौट आए। बताया जा रहा है कि मंगलवार को पुतले का दहन किया जाएगा। महिला कर्मचारी ने आरोप लगाया कि चार दिन पहले एसपी और कलेक्टर को भी परिवाद दिया गया व वहां से परिवाद प्रतापनगर थाने में पहुंच गया लेकिन पुलिस की ओर से अब तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है।
सब झूठ बोल रहे हैं, मारपीट का आरोप सरासर गलत
इस मुद्दे पर जब हमने वीसी प्रोफेसर सुनीता मिश्रा से बात की तो उन्होंने कहा कि सब झूठ बोल रहे हैं। किसी ने मेरे घर पर काम नहीं किया है। किसने काम किया, उसका एविडेंस लेकर आइये। जो होना है भगवान जानेगा। बिना एविडेंस के केवल पेपरबाजी करना व मीडिया में मारपीट आदि के आरोप लगाना सरासर गलत है। एसएफएबी का सितंबर तक का आदेश निकाल दिया है। फिर भी वे हड़ताल बैठे हैं। इनमें से 100 लोग भी एलिजिबल नहीं है। इनको निकालना तो पड़ेगा। यहां पर सब झूठ बाले रहे हैं। कहां, कब हुआ, डेट क्या था, क्यों मारपीट हुई, कहां पर काम कर रहे थे, पहले यह सब बताइये। मेरे हाथ में भी 45 टांके लगे थे, मेरा भी इलाज चला था। आप तहकीकात करने के बाद ही जो कुछ लिखना है लिखिये।
कर्मचारी बोले-वीसी की बात सरासर गलत, हमारे पास एविडेंस
दोनों पक्षों के आरोपों की पुष्टि तहकीकात के बाद ही हो सकती है लेकिन कर्मचारियों का कहना है कि वीसी के घर पर महिला कर्मचारियों के काम नहीं करने की बात सरासर गलत है। काम करने के जो भी एविडेंस हैं वे पुलिस को दे दिए गए हैं व समय आने पर उनका खुलासा कर दिया जाएगा। हड़ताल करने वाले कर्मचारियों ने यह भी बताया कि एक कॉलेज में कर्मचारियों को सेवामुक्त करने के जो आदेश दिए गए हैं वह भी मनमाने हैं। पहले तो उन लोगों पर कार्रवाई होनी चाहिए जिन्होंने उनका वेतन रोका, जिन्होंने उनका एक्सटेंशन सरकारी आदेश के बाद भी नहीं होने दिया। केवल वीसी की गुड बुक में रहने के लालच में कुछ डीन इस तरह के आदेश निकाल रहे हें। ऐसे आदेश तब क्यों नहीं निकाले गए जब कर्मचारियों का सेवाकाल नहीं बढ़ाया गया, जब बिना एक्सटेंशन के काम लिया गया, जब त्योहारों तक में वेतन नहीं बनाया गया। कुल मिलाकर आने वाले दिनों में कर्मचारियों व प्रशासन में तल्खियां और अधिक बढ़ने की उम्मीद की जा रही है।
प्रेशर टेक्टिक : कर्मचारियों की मांगी सूची जो काम पर नहीं आ रहे
मोहनलाल सुखाड़िया विश्वविद्यालय (एमएलएसयू) प्रशासन ने स्ववित्तपोषित सलाहकार बोर्ड के तहत कार्यरत उन स्टाफ सदस्यों की सूची तलब की है, जिन्होंने विश्वविद्यालय के पूर्व निर्देश के बावजूद अब तक अपनी ड्यूटी ज्वाइन नहीं की है। विश्वविद्यालय के कुलपति के निर्देशानुसार रजिस्ट्रार द्वारा सभी डीन, निदेशक आदि को पत्र जारी कर यह जानकारी शीघ्र उपलब्ध कराने को कहा गया है। रजिस्ट्रार द्वारा भेजे गए पत्र में 18 जुलाई 2025 के संदर्भ क्रमांक कर उल्लेख करते हुए स्पष्ट किया गया है कि सभी विभागों और इकाइयों से उन कर्मचारियों की नामावली उपलब्ध कराई जाए जो अभी तक ड्यूटी पर उपस्थित नहीं हुए हैं। साथ ही, यह भी बताने को कहा गया है कि ऐसे कर्मचारियों के विरुद्ध अब तक क्या अनुशासनात्मक कार्रवाई की गई है।

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