24 News Update झालावाड़ (राजस्थान) . राजस्थान के झालावाड़ जिले के अकलेरा थाना क्षेत्र में एक नाबालिग किशोरी के साथ सामूहिक दुष्कर्म की वारदात ने पूरे क्षेत्र को झकझोर कर रख दिया। घटना की गंभीरता को देखते हुए महिला पुलिस अधीक्षक रिचा तोमर ने स्वयं मामले की कमान संभाली और पूरे जिले की पुलिस टीम को एक्टिव किया। नतीजतन, रिपोर्ट दर्ज होते ही महज दो घंटे के भीतर 9 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया, जबकि एक नाबालिग को निरुद्ध किया गया है।
अपहरण के बाद दरिंदगी:
घटना उस समय हुई जब 17 वर्षीय पीड़िता एक शादी समारोह में शामिल होने अपने रिश्तेदारों के घर आई हुई थी। देर रात वह शौच के लिए बाहर निकली, तभी 9 युवकों ने उसका अपहरण कर लिया और उसे सुनसान इलाके में ले जाकर कई घंटों तक शारीरिक शोषण किया। पीड़िता किसी तरह वहां से भाग निकली और घर पहुंची, लेकिन भय और सदमे के कारण पुलिस के पास नहीं जा सकी।
एसपी ने बंधाया हौसला, पुलिस संरक्षण में दी परीक्षा:
जब परिजनों ने पुलिस को सूचना दी, तो पीड़िता शुरू में बयान देने की स्थिति में नहीं थी। इसी बीच पता चला कि उसकी कक्षा 11 की परीक्षा चल रही है। ऐसे में एसपी रिचा तोमर और स्थानीय थानाधिकारी ने उसे समझाया और साहस दिया। बुधवार को किशोरी ने पुलिस संरक्षण में परीक्षा दी और इसके बाद थाने पहुंचकर मामला दर्ज कराया।
तेज कार्रवाई, पोक्सो समेत कई धाराएं लगीं:
केस दर्ज होते ही पुलिस ने भूरालाल, भरत सिंह, लक्ष्मण सिंह, हरि उर्फ हरीश भील, दुर्गालाल भील, रामलखन, हेमराज सहित सभी नौ आरोपियों को दबोच लिया। एक अन्य नाबालिग आरोपी को बाल न्यायालय में प्रस्तुत किया गया है। सभी के खिलाफ पोक्सो एक्ट और भारतीय दंड संहिता की संबंधित धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया है। गुरुवार को सभी आरोपियों को कोर्ट में पेश कर रिमांड पर लिया गया।
न्याय और उम्मीद की मिसाल:
यह घटना जहां एक ओर समाज में महिला और बालिकाओं की सुरक्षा को लेकर चिंता बढ़ाती है, वहीं दूसरी ओर एक महिला पुलिस अधिकारी की संवेदनशीलता और तेज कार्यवाही समाज में न्याय की उम्मीद भी जगाती है।
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