
24 News Update सलूंबर। जयसमंद तहसील की बगुरवा पंचायत में विकास कार्यों से जुड़ा एक अनोखा मामला सामने आया है। बगुरवा पंचायत के लिए स्वीकृत सेक्शन की सड़क का निर्माण कार्य पड़ोसी अदवास पंचायत क्षेत्र में कर दिया गया। प्रशासन ने इसका तर्क दिया कि बगुरवा पंचायत के राजस्व गांव अजबरा के कुछ मतदाता अन्य पंचायत क्षेत्र में रहते हैं, इसलिए सड़क निर्माण अदवास क्षेत्र में कर दिया गया।
ग्रामीणों में इस घटना को लेकर असंतोष है। उनका कहना है कि जब सड़क ही अपने गाँव को पहचान नहीं रही तो अन्य विकास योजनाओं का क्या होगा। कई ग्रामीण इसे पंचायत की “नई व्यवस्था” कह रहे हैं तो कुछ व्यंग्य में कह रहे हैं कि अब शायद स्कूल और अस्पताल भी पड़ोसी पंचायत में भेज दिए जाएँ।

ग्रामीणों ने प्रशासन से मांग की है कि सड़क निर्माण वहीं कराया जाए जहाँ इसकी सबसे अधिक आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि योजनाएँ केवल कागज़ों पर नहीं, बल्कि ज़मीन पर दिखनी चाहिए।
इस पूरे मामले में अजबरा गांव के जनप्रतिनिधि जितेंद्र सिंह ने कुछ दिन पहले जयसमंद पंचायत समिति के विकास अधिकारी को शिकायत की थी। इसके बाद प्रशासन ने जांच के आदेश दिए। प्राथमिक जानकारी में सामने आया है कि अधिकारियों की अनदेखी या राजनीतिक दबाव के चलते बगुरवा पंचायत के लिए स्वीकृत 2 लाख रुपये की लागत वाली सड़क अदवास क्षेत्र में बना दी गई।
बगुरवा पंचायत सचिव केशू लाल मीणा ने बताया कि अजबरा गांव के कुछ मतदाता अदवास पंचायत क्षेत्र में निवास करते हैं, इसलिए सड़क वहीं बनाई गई। जबकि जयसमंद पंचायत समिति के विकास अधिकारी दया चंद्र यादव ने कहा कि शिकायत के आधार पर मामले की जांच की जा रही है।
ग्रामीणों ने प्रशासन से आग्रह किया है कि निर्माण कार्यों को सही स्थान पर पूरा किया जाए ताकि आमजन को योजनाओं का वास्तविक लाभ मिल सके। उन्होंने कहा कि पारदर्शिता और समय पर कार्यान्वयन से ही विकास का उद्देश्य पूरा होगा।
अब देखना यह है कि प्रशासन सड़क को उसका असली घर दिखाता है या मतदाता सूची के आधार पर उसका नया पता तय करता है। यह मामला जिले में विकास कार्यों की पारदर्शिता और प्रशासनिक जिम्मेदारी पर महत्वपूर्ण सवाल खड़ा कर रहा है।
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