24 News Update उदयपुर। मेनार-खेरोदा वेटलैंड कॉम्प्लेक्स से सटी आरक्षित चारागाह भूमि के पावरग्रिड इंडिया कंपनी को आवंटन के खिलाफ मंगलवार को मेनार व खेरोदा गांव के सैकड़ों ग्रामीणों ने जिला कलेक्टर कार्यालय पर प्रदर्शन किया। ग्रामीणों ने इस आवंटन को वेटलैंड संरक्षण नियमों का उल्लंघन बताते हुए इसे तत्काल रद्द करने की मांग की।
ट्रैक्टरों में सवार होकर कलेक्ट्रेट पहुंचे ग्रामीण
सुबह दो दर्जन से अधिक ट्रैक्टरों में सवार होकर ग्रामीणों का विशाल जत्था कलेक्ट्रेट की ओर रवाना हुआ। पुलिस ने उन्हें कुछ दूरी पर रोकने का प्रयास किया, लेकिन ग्रामीण पैदल मार्च करते हुए जिला कलेक्ट्रेट परिसर तक पहुंचे। वहां उन्होंने मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा।
“वेटलैंड की पारिस्थितिकी से खिलवाड़”
ग्रामीणों ने बताया कि जिस भूमि का आवंटन किया गया है, वह खेरोदा तालाब के मध्य स्थित आरक्षित चारागाह है और यह क्षेत्र मेनार-खेरोदा वेटलैंड कॉम्प्लेक्स का अविभाज्य हिस्सा है। यह क्षेत्र वर्षों से स्थानीय लोगों के प्रयासों से अंतरराष्ट्रीय महत्व की वेटलैंड के रूप में विकसित किया जा रहा है, जहाँ शिकार पूर्णतः प्रतिबंधित है और जैव विविधता समृद्ध है।
प्राकृतिक संसाधनों और मवेशियों के लिए संकट
ग्रामीणों ने कहा कि यह भूमि पशु-पक्षियों, जलचरों, वन्यजीवों और स्थानीय मवेशियों के लिए प्राकृतिक आवास और चारागाह के रूप में कार्य करती है। इस पर सब स्टेशन बनाना न केवल प्राकृतिक तंत्र को नुकसान पहुँचाएगा, बल्कि स्थानीय आजीविका और संस्कृति को भी प्रभावित करेगा। ग्रामीणों का कहना है कि भूमि आवंटन वेटलैंड (संरक्षण और प्रबंधन) नियम, 2017 और पर्यावरण संरक्षण अधिनियम का भी उल्लंघन है। यह निर्णय वेटलैंड की जैव विविधता, जल स्रोतों और पारिस्थितिकी संतुलन पर गंभीर खतरा पैदा करेगा।
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