24 न्यूज अपडेट. प्रयागराज। महाकुंभ में स्नान कर रही महिलाओं के वीडियो चोरी-छिपे बनाकर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर अपलोड और बेचने के मामले में प्रयागराज के एक यूट्यूबर समेत तीन लोगों को गिरफ्तार किया गया है। गुजरात पुलिस की साइबर क्राइम ब्रांच ने इस जघन्य अपराध का खुलासा किया है, जिसमें अस्पतालों के ब्ब्ज्ट कैमरे हैक कर गाइनेकोलॉजिस्ट के क्लीनिक से महिलाओं के निजी चेकअप वीडियो भी लीक किए जा रहे थे।
अंतरराष्ट्रीय साइबर अपराध का शक, 60-70 अस्पतालों के सीसीटीवी हैक
इस मामले में गिरफ्तार किए गए आरोपियों में प्रयागराज के यूट्यूबर चंद्रप्रकाश फूलचंद्र, महाराष्ट्र के प्रज्वल अशोक तेली (लातूर) और प्रज राजेंद्र पाटिल (सांगली) शामिल हैं। जांच में पाया गया कि ये लोग महाकुंभ में स्नान कर रही महिलाओं के वीडियो रिकॉर्ड कर यूट्यूब और टेलीग्राम पर अपलोड कर बेचते थे। पुलिस को संदेह है कि देशभर के 60 से 70 अस्पतालों के ब्ब्ज्ट कैमरों को भी हैक किया गया था और वहां महिलाओं के निजी चेकअप के वीडियो रिकॉर्ड कर बेचे जा रहे थे।
कैसे हुआ खुलासा?
19 फरवरी 2024 को गुजरात के राजकोट स्थित पायल अस्पताल में महिलाओं के चेकअप के वीडियो यूट्यूब पर अपलोड किए जाने का मामला सामने आया। पुलिस ने इस केस की गहराई से जांच शुरू की और साइबर ट्रेसिंग के जरिए महाराष्ट्र के लातूर और सांगली से दो आरोपियों को गिरफ्तार किया। इन्हीं से पूछताछ के बाद प्रयागराज में मौजूद यूट्यूबर चंद्रप्रकाश फूलचंद्र का नाम सामने आया, जिसे शुक्रवार को हिरासत में ले लिया गया।
वीडियो की ऑनलाइन बिक्री, टेलीग्राम पर 100 से ज्यादा ग्राहक
जांच में सामने आया है कि चंद्रप्रकाश फूलचंद्र खुद वीडियो बनाता और अपने चैनल पर अपलोड करता था। इसके अलावा, वह अन्य टेलीग्राम चैनलों को भी ये वीडियो बेचता था। आरोपी के टेलीग्राम चैनल पर 100 से ज्यादा ग्राहक थे और ये वीडियो 800 से 2000 रुपये तक में बेचे जा रहे थे।
अंतरराष्ट्रीय नेटवर्क से जुड़े तार, रोमानिया-अटलांटा से हैकिंग
अहमदाबाद क्राइम ब्रांच को शक है कि इस रैकेट का दायरा भारत तक सीमित नहीं है। शुरुआती जांच में यह सामने आया है कि अस्पतालों के ब्ब्ज्ट सिस्टम रोमानिया और अटलांटा से हैक किए गए थे। प्रज्वल अशोक तेली अंतरराष्ट्रीय हैकरों के संपर्क में था और वीडियो को डार्क वेब पर बेचने की साजिश भी चल रही थी।
महाकुंभ में गलत सूचना फैलाने वालों पर भी कार्रवाई
इस पूरे मामले पर यूपी के डीजीपी प्रशांत कुमार ने कहा कि महिलाओं के स्नान के वीडियो अपलोड करने के मामले में अब तक तीन एफआईआर दर्ज हो चुकी हैं और आरोपियों की पहचान कर सख्त कार्रवाई की जाएगी। इसके अलावा, महाकुंभ को लेकर भ्रामक सूचना फैलाने के 55 से 60 मुकदमे दर्ज किए जा चुके हैं, जिनमें शामिल सोशल मीडिया अकाउंट संचालकों को भी ट्रैक किया जा रहा है।
सख्त कार्रवाई की जरूरत
महिलाओं की निजता और सम्मान से जुड़ा यह मामला बेहद गंभीर है। साइबर अपराधों के बढ़ते मामलों के बीच, डिजिटल प्लेटफॉर्म पर महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए कड़े कदम उठाने की जरूरत है। पुलिस की इस त्वरित कार्रवाई से यह साफ हो गया है कि इस तरह के अपराधियों के खिलाफ कड़ा शिकंजा कसा जाएगा। जांच जारी है, और आगे भी नए खुलासे होने की संभावना है।
Discover more from 24 News Update
Subscribe to get the latest posts sent to your email.