ओसाका (जापान)। जापान के ओसाका में चल रहे वर्ल्ड एक्सपो-2025 में भारतीय रेल की भव्य उपस्थिति ने देश-दुनिया का ध्यान खींच लिया है। इंडिया पवेलियन में भारतीय प्रवासियों के साथ-साथ बड़ी संख्या में जापानी नागरिक भी पहुंच रहे हैं। इनमें खासकर वंदे भारत एक्सप्रेस और चिनाब ब्रिज के प्रति जबरदस्त उत्सुकता दिखाई दे रही है।
वंदे भारत की तकनीक और रफ्तार ने मोहा
एक्सपो में पहुंचे कई जापानी दर्शक जब यह जान रहे हैं कि भारत में अब सेमी हाई-स्पीड और अत्याधुनिक सुविधाओं वाली वंदे भारत ट्रेनें नियमित रूप से दौड़ रही हैं, तो वे हैरान रह जाते हैं। वंदे भारत की एयरोडायनॉमिक डिजाइन, इनबिल्ट सुरक्षा फीचर्स और तेज रफ्तार क्षमता ने तकनीक प्रेमियों और रेलवे इंजीनियरिंग में रुचि रखने वालों का दिल जीत लिया है।
ट्रेन में उपलब्ध एसी कोच, ऑटोमैटिक डोर, जीपीएस सिस्टम, वाई-फाई, सीसीटीवी कैमरे, बायो टॉयलेट्स और ऑनबोर्ड कैटरिंग जैसी सुविधाएं एक प्रीमियम यात्रा अनुभव देती हैं। यही वजह है कि भारत में यह ट्रेन युवाओं, वरिष्ठ नागरिकों और विद्यार्थियों के बीच अत्यंत लोकप्रिय हो चुकी है।
चिनाब ब्रिज बना इंजीनियरिंग का प्रतीक
इसी तरह, एक्सपो में भारत द्वारा प्रदर्शित चिनाब ब्रिज — जो कि दुनिया का सबसे ऊंचा रेलवे आर्च ब्रिज है — ने भी दर्शकों को खूब आकर्षित किया। यह ब्रिज जम्मू-कश्मीर की चिनाब नदी पर बना है और इसकी ऊंचाई, निर्माण तकनीक तथा भौगोलिक कठिनाइयों के बावजूद इसे सफलतापूर्वक बनाना भारतीय रेल इंजीनियरिंग की अद्वितीय क्षमता को दर्शाता है।
इंजीनियरिंग और आर्किटेक्चर के जापानी छात्र ब्रिज के 3D प्रेजेंटेशन, इंटरैक्टिव मॉडल और निर्माण से जुड़ी जानकारियों को बड़े ध्यान से देख रहे हैं। यह ब्रिज उत्तर भारत में कनेक्टिविटी और सुरक्षा के लिहाज से भी बेहद अहम भूमिका निभा रहा है।
भारत की बढ़ती वैश्विक साख
वर्ल्ड एक्सपो-2025, जो कि 13 अप्रैल से 13 अक्टूबर 2025 तक चलेगा, भारत के लिए अपनी तकनीकी उपलब्धियों और नवाचारों को वैश्विक मंच पर प्रदर्शित करने का सुनहरा अवसर है। ओसाका में इंडिया पवेलियन की बढ़ती लोकप्रियता न केवल भारत की प्रगति का परिचायक है, बल्कि यह भी दिखाती है कि आज दुनिया भारत को एक सशक्त और तकनीक-समर्थ राष्ट्र के रूप में देख रही है।
एक्सपो में वंदे भारत ट्रेन और चिनाब ब्रिज भारतीय नवाचार की दो ऐसी मिसालें हैं, जो बदलते भारत की कहानी बयां कर रही हैं। भारतीय रेल ने बीते एक दशक में 140 से अधिक वंदे भारत ट्रेनों का सफल संचालन कर, देश के हर कोने को तेज रफ्तार और आधुनिक रेल संपर्क से जोड़ने की दिशा में बड़ा कदम उठाया है।

