24 न्यज अपडेट, उदयपुर। आरएनटी मेडिकल कॉलेज के दिलशाद भवन रेजिडेंट हॉस्टल में गुरुवार तड़के एक दर्दनाक और रहस्यमयी हादसे में खेरवाड़ा सीएचसी में कार्यरत रेजिडेंट डॉक्टर रवि शर्मा की संदिग्ध परिस्थिति में मौत हो गई। उनका शव हॉस्टल की चौथी मंज़िल पर सार्वजनिक वाटर कूलर के पास पड़ा मिला। प्रथम दृष्टया आशंका जताई जा रही है कि उनकी मौत करंट लगने से हुई, हालांकि इसकी पुष्टि पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही हो सकेगी।
घटनाक्रम और शुरुआती जांच
डॉ. रवि शर्मा कुछ दिन से अपने चचेरे भाई डॉ. प्रशांत अग्रवाल के साथ दिलशाद भवन में रह रहे थे। प्रशांत की रात की ड्यूटी होने से वह हॉस्टल में मौजूद नहीं था। बताया गया है कि डॉक्टर रवि देर रात या सुबह के समय वाटर कूलर में पानी भर रहे थे, तभी करंट लगने की आशंका जताई जा रही है। अचानक उनकी चीख सुनकर पास के कमरे में रहने वाले अन्य रेजिडेंट डॉक्टर मौके पर पहुंचे और उन्होंने तत्काल CPR देकर बचाने की कोशिश की, लेकिन तब तक काफी देर हो चुकी थी। उन्हें तत्काल एमबी हॉस्पिटल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।
तकनीकी निरीक्षण में विरोधाभास
घटना की सूचना मिलते ही एमबी हॉस्पिटल के विद्युत विभाग के तकनीकी विशेषज्ञ मौके पर पहुंचे और उन्होंने कूलर तथा बिजली कनेक्शन की जांच की। प्रारंभिक जांच में यह बताया गया कि किसी भी विद्युत उपकरण या लाइन में करंट की सक्रियता नहीं पाई गई है। इससे डॉक्टर की मौत को लेकर और अधिक सवाल खड़े हो गए हैं।
पहले से दर्ज थीं शिकायतें
रेजिडेंट डॉक्टरों के अध्यक्ष डॉ. दीपेंद्र सिंह ने कहा कि पूर्व में भी हॉस्टल परिसर के विद्युत उपकरणों में करंट आने की शिकायतें की गई थीं। प्रशासन को कई बार अवगत कराने के बावजूद कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई, जिसकी परिणति आज इस दर्दनाक घटना के रूप में सामने आई है।
मृतक डॉक्टर के बारे में
डॉ. रवि शर्मा खेरवाड़ा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में पदस्थापित थे और जल्द ही एमबी हॉस्पिटल के एनेस्थीसिया विभाग में जॉइन करने वाले थे। उनके दस्तावेज पहले ही जमा हो चुके थे और वह कार्यभार ग्रहण करने की प्रतीक्षा में थे।
हॉस्टल में शोक और आक्रोश का माहौल
घटना के बाद हॉस्टल परिसर में रेजिडेंट डॉक्टरों में शोक और आक्रोश का माहौल है। बड़ी संख्या में डॉक्टर एमबी हॉस्पिटल की मोर्चरी में एकत्र हुए और मृतक के लिए न्याय की मांग की।

